मर्सिडीज-बेंज इंडिया (Mercedes-Benz India) सिडैन के साथ-साथ स्पोर्ट यूटिलिटी वाहनों (SUV) की मजबूत मांग के बीच इन दोनों खंडों में संतुलित विकास की उम्मीद कर रही है। इसके प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी संतोष अय्यर ने बुधवार को यह जानकारी दी।
एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले कुछ वर्षों में एसयूवी ज्यादा वांछनीय हो गई हैं, लेकिन सिडैनपसंद करने वाले ग्राहकों का मजबूत आधार अब भी है। फिलहाल कंपनी की बिक्री में एसयूवी और सिडैनकी हिस्सेदारी का अनुपात 52:48 है। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले सिडैन की हिस्सेदारी लगभग 52 प्रतिशत थी।
क्या मर्सिडीज-बेंज इंडिया को एसयूवी की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि हमें ऐसी उम्मीद नहीं है। हमारे पास संतुलित पोर्टफोलियो है। हमने सिडैनऔर एसयूवी दोनों में जमकर और पूरी तरह से निवेश किया है।
एसयूवी की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि लंबे वक्त में कंपनी को एसयूवी की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि दो प्रकार के ग्राहक होते हैं, एक प्रकार का ग्राहक सड़क पर ज्यादा मौजूदगी चाहता है, इसलिए वह एसयूवी चुनता है, लेकिन दूसरा ग्राहक अधिक ड्राइव उन्मुख होता है इसलिए वह सिडैनचुनता है। सिडैनड्राइविंग के समय काफी आराम प्रदान करती है।
मर्सिडीज ने जीएलसी का दूसरी पीढ़ी का वाहन पेश किया
मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने बुधवार को अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली एसयूवी जीएलसी का दूसरी पीढ़ी का वाहन पेश किया। उन्होंने कहा कि पुरानी जीएलसी (पहली पीढ़ी) दिसंबर तक बिक गई। पिछले सात महीनों से हमारे पास इस खंड में कोई उत्पाद नहीं था। पिछले दो सप्ताह में कंपनी को जीएलसी के लिए 1,500 बुकिंग मिली हैं, जो भारत में अब तक इसके द्वारा पेश की गई किसी भी कार के लिहाज से सबसे ज्यादा है।
अय्यर ने कहा कि यह बात इस कार की रुकी हुई मांग को दर्शाती है। लक्जरी कार की श्रेणी में तीन खंड हैं – शुरुआती स्तर वाला खंड, जिसमें 40 से 60 लाख रुपये के बीच की कारें शामिल हैं। प्रमुख स्तर वाला खंड, जिसमें 60 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच की कारें हैं और शीर्ष स्तर वाला खंड, जिसमें 1.5 करोड़ रुपये से ऊपर वाली कारें शामिल हैं।