कंपनियां

मेहली मिस्त्री ने टाटा ट्रस्ट्स से सुलह के दिए संकेत, नोएल टाटा को भेजे पत्र में जताई विवाद खत्म करने की इच्छा

मिस्त्री की इस पहल के बाद टाटा ट्रस्ट्स में मौजूदा तनाव कम होने की उम्मीद है। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स की लगभग 66 फीसदी हिस्सेदारी है

Published by
देव चटर्जी   
निवेदिता मुखर्जी   
Last Updated- November 04, 2025 | 10:18 PM IST

टाटा ट्रस्ट्स के न्यासी मेहली मिस्त्री ने सुलह के संकेत दिए हैं। कुछ दिनों पहले ही मिस्त्री ने महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर से अनुरोध किया था कि टाटा ट्रस्ट्स में न्यासी के पद से हटाए जाने से पहले उनका पक्ष सुना जाना चाहिए। अब ऐसी खबरें हैं कि टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष नोएल टाटा को भेजे गए एक संदेश में व्यवसायी एवं रतन टाटा के करीबी सहयोगी रह चुके मिस्त्री ने विवाद खत्म करने की इच्छा जताई है। मिस्त्री की इस पहल के बाद टाटा ट्रस्ट्स में मौजूदा तनाव कम होने की उम्मीद है। टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स की लगभग 66 फीसदी हिस्सेदारी है।

इस मामले से वाकिफ एक सूत्र ने कहा कि 4 नवंबर को लिखे पत्र में मिस्त्री ने कहा कि वह रतन टाटा के इस दृष्टिकोण में पूर्ण विश्वास रखते हैं कि टाटा ट्रस्ट्स में किसी तरह का विवाद न हो। पत्र में मिस्त्री ने उम्मीद जताई कि अन्य न्यासी भी सार्वजनिक हित और सुशासन के सिद्धांतों का पालन करेंगे।

मिस्त्री ने कहा कि उनके पत्र के बाद उन अटकलों पर विराम लगना चाहिए जो टाटा ट्रस्ट्स के हितों को नुकसान पहुंचा रही हैं। मिस्त्री ने 28 अक्टूबर 2025 तक न्यासी के रूप में सेवा देने को अपना सौभाग्य बताया। कहा जा रहा है कि उन्होंने रतन टाटा के इस कथन का हवाला देते हुए पत्र पर हस्ताक्षर किए कि कोई भी संस्था से बड़ा नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम पर टाटा ट्रस्ट्स को भेजे गए ईमेल का समाचार लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया था।

दो मुख्य न्यासों सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट में उनका कार्यकाल नए सिरे से नहीं बढ़ाए जाने के बाद मिस्त्री ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र चैरिटी कमिश्नर के पास एक याचिका दायर की थी। मिस्त्री अभी भी टाटा एजुकेशन ऐंड डेवलपमेंट ट्रस्ट में न्यासी हैं।

रतन टाटा के निधन के एक वर्ष के भीतर नामित निदेशकों द्वारा टाटा संस बोर्ड के एजेंडे को साझा करने सहित कई मुद्दों पर न्यासियों के बीच मतभेद उभर आए हैं। सितंबर 2025 में दरार तब और बढ़ गई जब मेहली मिस्त्री और टाटा ट्रस्ट्स में उनके समर्थकों ने टाटा ट्रस्ट्स के उपाध्यक्ष और पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह को टाटा संस बोर्ड में न्यासी के नामित के रूप में पुन: नियुक्ति के खिलाफ वोट दिया। टाटा ट्रस्ट्स की उसी बैठक में नोएल टाटा ने टाटा संस के बोर्ड में न्यासी के नामित के रूप में मिस्त्री के नामांकन का विरोध किया था।

टाटा ट्रस्ट्स बोर्ड की बैठक में तनाव के तुरंत बाद न्यासियों के कार्यकाल का नवीनीकरण एक विवादास्पद मुद्दा बन गया। अक्टूबर में वेणु श्रीनिवासन का कार्यकाल नए सिरे से बढ़ा दिया गया और उन्हें एक हालिया प्रस्ताव में आजीवन न्यासी बना दिया गया। कथित तौर पर मेहली मिस्त्री ने इसके लिए सशर्त सहमति दी जिसमें कहा गया कि बाद में हुए नवीनीकरणों को भी मंजूरी दी जानी चाहिए।

अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में जब मेहली मिस्त्री के कार्यकाल के नवीनीकरण की बारी आई तो तीन न्यासियों नोएल टाटा, वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह ने उनके खिलाफ मतदान किया। तीन न्यासियों वरिष्ठ वकील डेरियस खंबाटा, बैंकर प्रमीत जवेरी और जहांगीर एचसी जहांगीर (जहांगीर अस्पताल के अध्यक्ष और सीईओ) ने मिस्त्री के कार्यकाल के नवीनीकरण को मंजूरी दी।

First Published : November 4, 2025 | 10:14 PM IST