उच्चतम न्यायालय ने आदित्य बिड़ला समूह की ग्रासिम इंडस्ट्रीज के साथ विवाद में मध्यस्थ (आर्बिट्रेटर) नियुक्त करने का टाटा इंडस्ट्रीज का आग्रह बुधवार को स्वीकार कर लिया।
टाटा समूह अपने संयुक्त उपक्रम आइडिया सेल्युलर को खत्म किए जाने से जुड़े विवाद के निबटारे के लिए सर्वोच्च न्यायालय में गया था। न्यायमूर्ति वी एस सिरपुरकर ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के तीन पूर्व न्यायाधीशों को नियुक्त किया। इनमें पूर्व मुख्य न्यायाधीश ए एस आनंद, न्यायमूर्ति अरूण कुमार और न्यायमूर्ति पी के बालासुब्रमण्यम शामिल हैं।
आइडिया सेल्युलर में अपनी 48 फीसदी हिस्सेदारी ग्रासिम को बेचने से पहले टाटा ने बिड़ला समूह को इस उपक्रम को समाप्त करने के लिए दो नोटिस भेजे थे। टाटा का आरोप है कि बिड़ला ने शेयरधारक समझौते का उल्लंघन किया है।
ग्रासिम ने मध्यस्थता की मांग का विरोध किया था। इसके बाद ही टाटा ने सर्वोच्च न्यायालय में मध्यस्थ नियुक्त करने की मांग के लिए याचिका दाखिल की। अगर मध्यस्थों का फैसला टाटा के पक्ष में होता है तो टाटा को आइडिया में बिड़ला की हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार मिल जाएगा।