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महिंद्रा ऐंड महिंद्रा लगाएगी विस्तार की रफ्तार पर लगाम

Last Updated- December 08, 2022 | 2:02 AM IST

घरेलू बाजार में कारों और स्पोट्र्स यूटिलिटी व्हीकल्स की मांग में कमी आने के कारण महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने कंपनी के विस्तार कार्यक्रमों की रफ्तार धीमी करने का फैसला किया है।


कंपनी ने अगले तीन साल में विस्तार करने की योजना बनाई थी, जिस पर कंपनी इस साल से काम शुरू करने वाली थी। स्कोर्पियो और बोलेरो जैसे एसयूवी बनाने वाली एमऐंडएम 2009 से 2011 के दौरान विस्तार के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई थी।

लेकिन बाजार में तरलता की कमी, बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण नहीं मुहैया कराने और बढ़ती ब्याज दर के कारण कंपनी ने विस्तार के लिए निवेश की जाने वाली रकम में कटौती करने का फैसला किया है। हालांकि कंपनी ने इस निवेश के बारे में और कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया।

इस साल कारों और एसयूवी की बिक्री में कमी आने के कारण उद्योग के मार्जिन में काफी गिरावट आई है। बढ़ती ब्याज दर के कारण लोगों ने खरीदारी कम कर दी है, इससे वाहन निर्माता कंपनियों की विकास दर में भी कमी आई है। इससे बचने के लिए वाहन कंपनियों ने पहले ही उत्पादन में कटौती और छंटनी करना शुरू कर दिया है। 

कंपनी के अध्यक्ष (ऑटोमेटिव सेक्टर) पवन गोयनका ने बताया कि कंपनी ने नए मॉडल इंजेनियो का नाम बदलकर ‘जाइलो’ रख दिया है। पवन गोयनका ने कहा, ‘बाजार की हालत काफी खराब है। हमें विस्तार पर होने वाले खर्च में काफी कटौती करनी होगी। लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि हम अपनी परियोजनाओं की रफ्तार धीमी करेंगे। हालांकि हम निवेश में कितनी कटौती करेंगे इस बारे में मेरे पास जानकारी नहीं है।’

कंपनी तीन क्षेत्रों में निवेश कम करने की योजना बना रही है। कंपनी फंड्स का इस्तेमाल भी सोच समझकर ही करेगी। मतलब, अगर पहले कंपनी बफर फंडिंग के लिए 10 फीसदी रकम खर्च करने वाली थी तो अब 5 फीसदी रकम ही खर्च करेगी।

इसी के साथ एमऐंडएम उत्पादन संयंत्रों में ऑटोमेशन पर होने वाले खर्चों में भी कटौती करेगी। दरअसल ऑटोमेशन एक ऐसा उपकरण है जो उत्पादन संयंत्रों में कंप्यूटर संचालित रोबोट का काम करता है। कंपनी ने लागत कम करने के लिए नए कलपुर्जा निर्माताओं के साथ करार कर रही है।

हाल ही में कंपनी ने एक छोटी कोरियाई कंपनी से पुर्जो की खरीद की थी। जिसने कंपनी को बाजार के दाम की आधी कीमत पर ही पुर्जे मुहैया कराए थे। गोयनका ने कहा, ‘अब हम ज्यादा जोखिम उठाएंगे और नई कंपनियों के साथ करार करेंगे। जिससे हमारी लागत में कमी आएगी।’

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी के शुद्ध मुनाफे में 20 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि घरेलू बाजार में कंपनी की विकास दर 22 फीसद और निर्यात की विकास दर 18 फीसद ही रही है। धीमी विकास रफ्तार के बाद भी कंपनी ने कहा है कि वह अपनी नई एसयूवी जाइलो समय पर ही बाजार में उतारेगी।

First Published - October 31, 2008 | 11:24 PM IST

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