अपने पर्यावरण, सामाजिक और प्रशासन (ईएसजी) लक्ष्यों को व्यावसायिक लक्ष्यों के साथ एकीकृत करने के इरादे सेे देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग और निर्माण कंपनी, लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) ने आज कहा कि वह एक ‘नेट जीरो’ कंपनी बनने की दिशा में काम कर रही है और वर्ष 2040 तक कार्बन न्यूट्रलिटी तथा वर्ष 2035 तक वाटर न्यूट्रलिटी हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
‘नेट जीरा’ वाली कंपनी ऐसी स्थिति प्राप्त कर लेती है, जिसमें कंपनी की गतिविधियों के परिणामस्वरूप ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन से जलवायु पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता, वह पानी की उपलब्धता और मांग के बीच एक स्थायी संतुलन प्राप्त कर लेती है और डलाव क्षेत्र में भेजे जाने वाले ठोस कचरे से पीछा छूट जाता है।
कंपनी का कार्बन न्यूट्रलिटी का स्तर हासिल करने का लक्ष्य पेरिस समझौते की समय सीमा वर्ष 2050 से पहले है। एलऐंडटी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रह्मण्यन का कहना है कि हम ईएसजी के संबंध में अपने दृष्टिकोण, नीतियों, रूपरेखा, रोडमैप, और कार्य योजनाओं की पुष्टि कर रहे हैं। ईएसजी का हमारा रोडमैप हमारी पांच साल की रणनीतिक योजना – लक्ष्य 2026 के अनुरूप होगा और जलवायु नेतृत्व, जल प्रबंधन, सर्कुलर इकोनॉमी और हरित आपूर्ति शृंखला के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाएगा। ईएसजी पर वैश्विक जोर दिए जाने के अनुरूप ही हम नई ऊंचाइयों को छूने की अपनी महत्त्वाकांक्षाओं के लिए बड़े बदलाव की खातिर कमर कस रहे हैं।
आज कंपनी ने चौथी एकीकृत रिपोर्ट – बेहतर दुनिया के लिए सतत प्रगति पेश की। यह एक ऐसा विस्तृत दस्तावेज, जो बाहरी वातावरण और मूल्य निर्माण के संदर्भ में एलऐंडटी की रणनीति, शासन, प्रदर्शन और संभावनाओं को व्यक्त करता है। कंपनी का लक्ष्य बेहतर संसाधन दक्षता और महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ इन क्षेत्रों में अग्रणी बनना है।
कंपनी द्वारा खपत की जाने वाली कुल बिजली का 10 प्रतिशत से अधिक भाग नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होता है। कंपनी ने संचयी रूप से वर्ष 2008 से 12.8 करोड़ किलावाट ऊर्जा की बचत की है, जो एक वर्ष तक 60,000 घरों को बिजली देने के बराबर है।