प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) ने अपने डेटा सेंटर कारोबार को कई गुना बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके तहत कंपनी अपनी डेटा सेंटर क्षमता को 2027 तक 150 मेगावॉट तक बढ़ाना चाहती है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का विस्तार होने के साथ ही एलऐंडटी डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए अपने भूखंडों का उपयोग करने पर भी विचार कर रही है।
एलऐंडटी क्लाउडफिनिटी (डेटा सेंटर कारोबार) की मुख्य कार्याधिकारी सीमा अंबष्ठ ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि एलऐंडटी विशेष प्रयोजन कंपनी (एसपीवी) स्तर पर इस क्षेत्र में विदेशी भागीदारों के साथ संयुक्त उद्यम स्थापित करने के लिए भी तैयार है।
फिलहाल एलऐंडटी के पास मुंबई और चेन्नई में दो डेटा सेंटर परिचालन में हैं। इन दोनों डेटा सेंटर की कुल क्षमता 32 मेगावॉट है। अधिकारी ने कहा कि बेंगलूरु, पनवेल और नवी मुंबई के महापे में नए डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए कार्य प्रगति पर है।
अंबष्ठ ने इस कारोबार में मौजूद अवसरों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘अब से लेकर 2035 तक की अवधि में मौजूदा 1 गीगावॉट से 5 या 6 गीगावॉट अथवा यहां तक कि 10 गीगावॉट तक का अंतर होने जा रहा है। इसलिए यह करीब 9 गीगावॉट का अंतर है और 9 गीगावॉट कोई मामूली अंतर नहीं है। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपको कितनी भूमि की जरूरत होगी।’
अंबष्ठ ने कहा, ‘यह एक जबरदस्त अवसर है और मैं समझता हूं कि एलऐंडटी को इसका फायदा अवश्य उठाना चाहिए। हमारे पास पूरी तरह स्वतंत्र, भारत में निर्मित बेहतरीन गुणवत्ता वाली पूंजी है। इसके अलावा हमारे पास पर्याप्त भूखंड और इंजीनियरिंग प्रतिभाएं मौजूद हैं।’ उन्होंने बताया कि एलऐंडटी के मौजूदा भूखंड चेन्नई, बेंगलूरु और नवी मुंबई के महापे में हैं।
अंबष्ठ ने एक अन्य विकल्प के तौर पर एलऐंडटी के हैदराबाद मेट्रो कारोबार के तहत उपलब्ध भूमि का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘हैदराबाद मेट्रो कारेाबार के पास एक भूमि बैंक है। वह बेहतरीन भूखंड है क्योंकि मेट्रो के कारण वहां बिजली की उपलब्धता, स्टेशनों तक पहुंच, सार्वजनिक परिवहन तक पहुंच आदि सुविधाएं मौजूद हैं। इसलिए ये सभी भूमि बैंक आसानी से उपलब्ध हैं।’
भारत में डेटा सेंटर के किराये की मौजूदा दरों के बारे में अंबष्ठ ने कहा, ‘मुझे लगता है कि किराये में कमी आ रही है। दरें लगभग स्थिर हो गई हैं जो 60 से 70 हजार डॉलर प्रति किलोवॉट के दायरे में हैं।’ अंबष्ठ ने यह भी कहा कि कंपनी इस कारोबार में एसपीवी स्तर पर संयुक्त उद्यम के लिए तैयार है और इस पर चर्चा कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘मैं संयुक्त उद्यम स्थापित करने को प्राथमिकता दूंगी जो अधिक हों और जो अपने आप में एसपीवी हो सकते हैं। फिलहाल जरूरी नहीं है कि एलऐंडटी में संयुक्त उद्यम हो मगर एसपीवी हो सकती है। इसके लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। भारतीय बाजार में प्रवेश करने की चाहत रखने वाले कुछ संभावित संयुक्त उद्यम भागीदारों के साथ हमारी बातचीत पहले से ही चल रही है।’