भारत की निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी इस्पात निर्माता कंपनी जेएसडब्ल्यू स्टील जॉर्जिया में एक संयंत्र स्थापित करेगी। कंपनी रीबार्स के उत्पादन के लिए ब्रिटिश कंपनी की भागीदारी में यह संयंत्र स्थापित करेगी।
इस परियोजना पर 168 करोड़ रुपये का निवेश इक्विटी और ऋण के जरिये किया जाएगा जिसमें से 49 फीसदी इक्विटी जेएसडब्ल्यू की होगी वहीं शेष राशि ब्रिटेन की जियो स्टील एलएलसी लगाएगी। इस फैसले की घोषणा कंपनी की 14वीं सालाना बैठक में की गई है।
दोनों कंपनियां 28 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष इक्विटी के जरिये निवेश करेंगी वहीं बाकी राशि कर्ज के जरिये जुटाई जाएगी। कोष जुटाने के क्रम में यूरोपियन बैंक फॉर रीकंस्ट्रक्शन ऐंड डेवलपमेंट (ईबीआरडी) इस परियोजना के लिए कर्ज राशि का 50 फीसदी मुहैया कराएगा। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक 175,000 टन प्रति वर्ष की क्षमता वाला यह संयंत्र वर्ष के अंत में शुरू हो जाएगा।
रीबार्स का इस्तेमाल सामान्यत: निर्माण उद्योग में कंक्रीट और राजगीरी के इस्तेमाल में किया जाता है। यह कार्बन स्टील से बनता है और कंक्रीट को जोड़ने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। जेएसडब्ल्यू स्टील के निदेशक (वित्त) सेशागिरि राव एमवीएस ने बताया, ‘इस संयंत्र से 2009-10 तक राजस्व हासिल होने लगेगा। जॉर्जिया में ऐसे उत्पादों के लिए बाजार 500,000 टन प्रति वर्ष का है।’
कंपनी ने यह भी कहा है कि वह 2010 तक पूंजीगत खर्च के रूप में 14,000 करोड़ रुपये तक का निवेश करेगी। इसमें से तकरीबन 5800 करोड़ रुपये का निवेश इस वर्ष किया जाएगा जिसमें 3000 करोड़ रुपये की राशि कर्ज और बाकी राशि इक्विटी के जरिये लगाई जाएगी।