जेएसडब्ल्यू स्टील ने अपनी जापानी साझेदार जेएफई स्टील कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर 5,845 करोड़ रुपये की लागत से ग्रेन-ओरिएंटेड इलेक्ट्रिकल स्टील (जीओईएस) की विनिर्माण क्षमता के विस्तार का आज ऐलान किया। यह निवेश कर्नाटक के विजयनगर की जेएसडब्ल्यू जेएफई इलेक्ट्रिकल स्टील प्राइवेट लिमिटेड (जे2ईएस) और महाराष्ट्र की जेएसडब्ल्यू जेएफई इलेक्ट्रिकल स्टील नासिक प्राइवेट लिमिटेड (जे2ईएसएन) के संयुक्त उद्यमों के जरिये किया जाएगा। जेएसडब्ल्यू स्टील ने कहा कि विजयनगर इकाई में पहले घोषित निवेश और नासिक इकाई के अधिग्रहण के साथ इस पूंजी निवेश से कुल निवेश 15,560 करोड़ रुपये हो जाएगा।
जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यअधिकारी जयंत आचार्य ने बयान में कहा कि भारत का हरित ऊर्जा की दिशा में जाना, कार्बन स्तर घटाना और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास से उच्च श्रेणी वाले विद्युत इस्पात की मांग में भारी वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा, ‘हमारा जीओईएस निवेश आयात प्रतिस्थापन कम करने, भारत के ऊर्जा परिवर्तन के लक्ष्यों का समर्थन करने और घरेलू तथा वैश्विक बाजारों में अधिक दक्षता वाले विद्युत इस्पात समाधान प्रदान करने की दिशा में अहम कदम है।’ जीओईएस किफायती ऊर्जा वाले ट्रांसफार्मर तथा बड़े और बेहतर प्रदर्शन करने वाले जनरेटर के उत्पादन में महत्त्वपूर्ण सामग्री होती है।
जे2ईएसएल को पहले थिसेनक्रुप इलेक्ट्रिकल स्टील इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह भारत में कोल्ड रोल्ड ग्रेन-ओरिएंटेड इलेक्ट्रिकल स्टील (सीआरजीओ) की अग्रणी विनिर्माताओं में से एक है। महाराष्ट्र के नासिक में इसकी 50,000 टन प्रति वर्ष की क्षमता है। इस वर्ष की शुरुआत में 4,051 करोड़ रुपये के अधिग्रहण में जेएसडब्ल्यू स्टील ने जेएफई के साथ मिलकर थिसेनक्रुप इलेक्ट्रिकल स्टील इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण पूरा किया था। बुधवार को जेएसडब्ल्यू स्टील ने कहा कि सीआरजीओ की बढ़ती घरेलू मांग के मद्देनजर निदेशक मंडल ने सीआरजीओ इकाई को 50,000 टन प्रति वर्ष से बढ़ाकर 2,50,000 टन प्रति वर्ष करने की मंजूरी दे दी है।