भारत में स्टील, बैटरी सामग्री और नवीकरणीय ऊर्जा के लिए सज्जन जिंदल के जेएसडब्ल्यू समूह ने आज दक्षिण कोरियाई कंपनी पोस्को के साथ संयुक्त उद्यम शुरू करने की घोषणा की है। बयान के मुताबिक दोनों समूह मिलकर भारत में इस्पात संयंत्र लगाएंगे जिसकी शुरुआती क्षमता सालाना 50 लाख टन होगी।
इसके अलावा दोनों कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के लिए सामग्री और प्रस्तावित स्टील संयंत्र के लिए नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग की भी संभावना भी देखेंगे।
जेएसडब्ल्यू ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में उसकी अग्रणी पहुंच है और परियोजनाओं के निष्पादन में दमदार क्षमता है। पोस्को की तकनीकी उत्कृष्टता का साथ मिलने से भारत के स्टील और ऊर्जा क्षेत्रों के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित करने के लिए मजबूत मंच तैयार करने में मदद मिलेगी।
दोनों कंपनियों ने मुंबई में जेएसडब्ल्यू मुख्यालय में समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल और पोस्को के प्रमुख चैंग इन ह्वा की मौजूदगी में करार पर हस्ताक्षर किए गए। हालांकि, नए बनने वाले स्टील संयंत्र के स्थान पर अभी फैसला होना बाकी है।
भारत में जेएसडब्ल्यू स्टील की सालाना क्षमता 3.42 करोड़ टन है और कंपनी का लक्ष्य साल 2031 तक इसे 5 करोड़ टन करने का है।
जिंदल ने कहा कि पोस्को के साथ करार भारतीय स्टील उद्योग में योगदान की हमारी यात्रा का एक महत्त्वपूर्ण कदम है। एक साथ आकर हमारा लक्ष्य प्रौद्योगिकी और स्थिरता में एक मानक स्थापित करना है जो भारत और उसके बाहर विनिर्माण के भविष्य को आकार दे सके।
वहीं ह्वा ने कहा कि हम जेएसडब्ल्यू समूह के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर काफी प्रसन्न हैं। इस करार से कोरिया और भारत की आर्थिक वृद्धि को महत्त्वपूर्ण मदद मिलेगी और हमारे संयुक्त प्रयासों को अधिक पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाने में भी सहायता मिलेगी।