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जॉनसन ऐंड जॉनसन के डेंगू ऐंटीवायरल परीक्षण नतीजे सकारात्मक

नई ऐंटी-वायरल दवा, बंदरों की प्रजाति और चूहों में डेंगू से बचाव के लिए 'मजबूत सुरक्षा' देती है।

Published by
सोहिनी दास
Last Updated- March 16, 2023 | 10:43 PM IST

जॉनसन ऐंड जॉनसन की सहयोगी इकाई, जैनसेन फार्मास्यूटिकल द्वारा तैयार की गई नई ऐंटी-वायरल दवा, बंदरों की प्रजाति और चूहों में डेंगू से बचाव के लिए ‘मजबूत सुरक्षा’ देती है। नेचर जर्नल में प्रकाशित प्रारंभिक चरण के क्लिनिकल डेटा से इसकी जानकारी मिली है।

कंपनी ने गुरुवार को कहा, ‘इस ऐंटीवायरल को प्रथम चरण के मानव क्लिनिकल अध्ययन में सुरक्षित पाए जाने के साथ ही यह मानव शरीर के सहन के लायक देखा गया। अब डेंगू की रोकथाम और इलाज के लिए दूसरे चरण के क्लिनिकल अध्ययनों में प्रगति देखी जा रही है।’

नए आंकड़ों से संकेत मिलता है कि चूहों में जेएनजे-1802 टीका सभी चार डेंगू सीरोटाइप से बचाव में प्रभावी है और बंदरों की प्रजाति पर किए गए दो सीरोटाइप परीक्षण में सुरक्षा देता है। जेऐंडजे ने कहा कि मानव डेटा से जुड़े पहले चरण के साथ नए डेटा को मिलाकर देखने से अंदाजा मिलता है कि दवा का मिश्रण, सुरक्षित और सहन करने योग्य रुझान के साथ ही प्रोफिलैक्सिस और डेंगू के उपचार के लिए जेएनजे-1802 के क्लिनिकल विकास का समर्थन करता है।

जैनसेन फार्मास्यूटिका एनवी में ग्लोबल पब्लिक हेल्थ के शोध एवं विकास के प्रमुख मार्निक्स वैन लूक ने कहा, ‘डेंगू के लिए वैश्विक कार्रवाई की आवश्यकता है और हमें इस दवा के विकास को अगले चरण में आगे बढ़ाने के लिए यूरोप और दुनिया भर में भागीदारों के साथ सहयोग करने पर गर्व महसूस होता है।’

पिछले दिसंबर में तकेदा के टेट्रावैलेंट डेंगू टीका, ओडेंगा को यूरोपीय संघ (ईयू) में मार्केटिंग का अधिकार मिला। जापान की इस कंपनी ने कहा है कि वह पहले से ही देश में अपना डेंगू टीका लाने के लिए भारत सरकार के साथ बातचीत कर रही है।

नवंबर के करीब देश के शीर्ष चिकित्सा अनुसंधान संगठन, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने दवा निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) और पैनेसिया बायोटेक के साथ तैयार किए गए टीके के तीसरे चरण के परीक्षण के लिए दवा नियामक से मंजूरी मांगी थी।

भारत, अफ्रीका और अमेरिका के नौ संस्थानों के सहयोग से नैशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस), बेंगलूरु के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए डेंगू के लिए एक अन्य डीएनए टीके ने भी एक मजबूत प्रतिरोधक प्रतिक्रिया दिखाई है और यह टीका लेने के बाद बीमारी होने के बाद भी जीवित रहने की दर में सुधार दिखा है। हर साल 40 करोड़ लोग डेंगू वायरस से संक्रमित होते हैं और यह लैटिन अमेरिका और एशिया के देशों के बच्चों में अस्पताल में भर्ती होने वाले की दर में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण है।

वर्ष 2021 में, भारत ने डेंगू के 110,473 मामलों की सूचना दी और इस तरह यह देश डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित देशों में चौथे स्थान पर है। एलएलसी के जैनसेन रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट में ग्लोबल पब्लिक हेल्थ, शोध एवं विकास के वैश्विक प्रमुख रुक्क्षांद्र द्राघिया-अकली ने कहा, ‘पिछले वर्षों में डेंगू के प्रकोप में अभूतपूर्व वृद्धि इस बात के रुझान पेश करती है कि आगे क्या होने वाला है क्योंकि जलवायु परिवर्तन अधिकांश लोगों और समुदायों को डेंगू के खतरे में डाल रहा है।

हम जानते हैं कि आज और कल की अधूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए एंटीवायरल महत्वपूर्ण होगा और हम डेंगू को रोकने और इलाज के लिए उपलब्ध टूलसेट का विस्तार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

आने वाले वर्षों में डेंगू की चुनौती बढ़ने की संभावना है। 2022 में, सिंगापुर, नेपाल और बांग्लादेश जैसे देशों ने रिकॉर्ड स्तर पर इसका प्रसार देखा जबकि फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों ने पहले, स्थानीय मामलों की सूचना दी, जो जलवायु परिवर्तन से जुड़े जूनोटिक प्रकोपों को बढ़ाने के व्यापक रुझान का हिस्सा है।

जेएनजे-1802 विकसित करने के अलावा, जॉनसन ऐंड जॉनसन, डेंगू से प्रभावित केंद्रों का पूर्वानुमान लगाने और परीक्षण और साइट की पहचान में तेजी लाने और डेंगू की घटनाओं के लिए पूर्वानुमानित मॉडल बनाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग कर रही है।

First Published : March 16, 2023 | 10:43 PM IST