दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो से कहा है कि वे समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) संबंधी बकायों पर 4 साल के मॉरिटोरियम के विकल्प को चुनने को लेकर अपनी इच्छा के बारे में सरकार को सूचित करें। यह पिछले महीने सरकार द्वारा दूरसंचार कंपनियों को दिए गए राहत पैकेज का हिस्सा है।
सेवा प्रदाताओं को उपार्जित ब्याज देयता को इक्विटी मेंं भुगतान करने के विकल्प के चयन पर प्रतिक्रिया देने के लिए 3 महीने का वक्त दिया गया है। मॉरेटोरियम के प्रस्ताव को स्वीकार करने वाली कंपनियों को अपना ऐतिहासिक ऑडिटेड वित्तीय स्टेटमेंट प्रस्तुत करना होगा।
15 सितंबर को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम सेक्टर के लिए राहत पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमें समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) और स्पेक्टम भुगतान पर 4 साल का मॉरिटोरियम, घटी बैंक गारंटी और ऑपरेटर के मूल वैधानिक बकाये को इक्विटी में भुगतान करने का विकल्प शामिल है।
इस राहत पैकेज से मौजूदा कंपनियों को बल मिलने और अंतरराष्ट्रीय निवेश आने की उम्मीद है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए सभी सुरक्षा उपायों के साथ ऑटोमेटिक रूट से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी गई है।
सरकार को उम्मीद है कि इन कदमों से, जो दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपयिनों पर लागू होगा, नकदी के मामले में राहत मिलेगी और नकदी का प्रवाह हो सकेगा। साथ ही बैंक इस क्षेत्र की मदद कर सकेंगे।
1 अक्टूबर, 2021 से लागू होने वाला मॉरिटोरियम वैकल्पिक योजना है और जो कंपनी इसका लाभ उठाने का फैसला करती है, उसे फंड पर मामूली ब्याज (एमसीएलआर) 2 प्रतिशत की दर से भुगतान करना होगा।
