मौजूदा डिजिटलीकरण और सभी क्षेत्रों में उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ भारत क्लाउड चयन के मोर्चे पर अग्रणी है और उसने डिजिटल प्रौद्योगिकी के चयन और वर्चुअल वर्किंग की दिशा में तेजी दर्ज की है। हालांकि, पर्याप्त कौशल के अभाव की वजह से उद्योग में उभरती प्रतिभाओं की कमी है। ऑनलाइन रिक्रूटिंग प्लेटफॉर्म मॉन्स्टर डॉटकॉम के आंकड़े से संकेत मिलता है कि क्लाउड पेशेवरों के लिए मांग में तेजी आई है और क्लाउड-संबंधित नौकरियों का रुझान नवंबर 2021 में 3 लाख सक्रिय रोजगार तलाशने वालों के साथ कुल रोजगार में करीब 10 प्रतिशत तक हो गया।
भारत में क्लाउड बाजार तेजी से बढ़ रहा है और वर्ष 2022 के अंत तक इसके 26 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है।
क्लाउड पेशेवरों के लिए मांग में प्रमुख कौशल में क्लाउड कम्प्यूटिंग, एडब्ल्यूएस/एज्योर, क्लाउड माइग्रेशन, सैप, क्लाउड सिक्योरिटी, मशीन लर्निंग/एआई शामिल हैं, जो नियोक्ताओं द्वारा मांग के लिहाज से बेहद पसंदीदा हैं। क्लाउड-संबंधित जिम्मेदारियों के लिए मांग पिछले साल (40+ प्रतिशत से ज्यादा) से तेजी से बढ़ी है और भारत में सभी वर्टिकलों में 608,000 से ज्यादा क्लाउड पेशेवर हैं। क्वेस की कंपनी मॉन्सटर एपीएसी ऐंड एमई के मुख्य कार्याधिकारी शेखर गरिसा ने कहा, ‘इसमें आश्चर्य नहीं है कि भारत में क्लाउड के लिए मांग लगातार तेजी से बढ़ रही है और पिछले साल से इसमें 40 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है। यह भी दिलचस्प है कि फ्रेशर और मध्यवर्ती स्तर के पेशेवरों की क्लाउड बाजार में अच्छी भागीदारी है।’ मॉन्स्टर डॉटकॉम के आंकड़े से पता चलता है कि क्लाउड नौकरियों में सबसे ज्यादा भागीदारी 4-6 अनुभव वाले इंटरमीडिएट लेवल के पेशेवरों की थी, जिनमें नवंबर 2021 तक 44 प्रतिशत क्लाउड कर्मी शामिल थे।
