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मेडिकल में ओबीसी कोटा अगले सत्र से

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 8:44 PM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान केन्द्र ने अगले शैक्षिक सत्र से ओबीसी कोटे के लिए आरक्षित 27 फीसदी सीटों को भरने को निर्णय लिया है।


संस्थान के सबडीन सुनील छबर ने कहा है कि ‘इसके लिए हमने अपनी चयन प्रक्रिया में आवश्यक परिवर्तनों को कर लिया है। आगामी सत्र से आरक्षण लागू करने पर संस्थान में छात्रों की संख्या में इजाफा होगा। छात्रों की इस बढ़ी हुई संख्या को पर्याप्त शैक्षिक सुविधाएं मुहैया कराने के लिए अतिरिक्त कोष की व्यवस्था कर ली गई है।


छबर ने यह भी कहा कि अगर सरकार जून से पहले इस बाबत अपना निर्देश देती है तो छात्रों की चयन प्रक्रिया में आसानी से फेरबदल किया जा सकेगा। संस्थान का प्रंबधन सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।’ सरकार द्वारा 2006 में सेट्रंल एजुकेशन इंस्टीट्यूसन एक्ट लाने के बाद देश के 11 मेडिकल संस्थानों में ओबीसी छात्रों के लिए 27 फीसदी आरक्षण को देने की बात उठी थी। 


इन मेडिकल संस्थानों में एम्स, एआईआईएचपीएच कोलकाता, एआईआईएमईआर मुंम्बई, सीआईपी रांची, आरएमएल अस्पताल दिल्ली, जेआईपीएमईआर पांडीचेरी, एलएचएमसी दिल्ली, एनआईएचएफडब्लु दिल्ली, एनआईएमएचएएनएस बैंगलूरु, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और सफदरजंग अस्पताल शमिल थे। उस समय केंन्द्रीय स्वास्थय मंत्री अंबुमणि रामदास ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण के पक्ष में दिए गए निर्णय का स्वागत किया था।


लेकिन इस आरक्षण से मलाईदार परत को बाहर रखने पर रोष भी व्यक्त किया था। रामदास ने कहा था कि यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया ऐतिहासिक निर्णय था। लेकिन ओबीसी केटेगरी को दिए गए इस 27 फीसदी आरक्षण की सीमा से मलाईदार परत को बाहर रखने पर काफी रोष भी हुआ है। इस मुद्दे को हमने कांग्रेस की सहायक  पार्टियों के समक्ष भी उनकी राय जानने के लिए रखा था। सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय को रामदास ने 60 वर्षे के बाद मिली सामाजिक न्याय की जीत कहा था।


इसके  लिए उन्होंने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मानव संसाधन मंत्री अर्जुन सिंह को बधाई का पात्र ठहराया था। इन शैक्षिक संस्थानों में बढ़ी हुई सीटों के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने आवश्यक कदमों के बारें में पूछने पर रामदास ने कहा कि स्वास्थय मंत्रालय ने इस बाबत कई बैठकें आयोजित की है। मेडिकल कालेजों में इस वर्ष से आरक्षण के लागू होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मेडिकल कालेजों की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर करेगा।

First Published : April 10, 2008 | 10:46 PM IST