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एसएमएस पर नया नियम टला

Last Updated- December 12, 2022 | 7:17 AM IST

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अवांछित वाणिज्यिक संदेशों (एसएमएस) पर रोक लगाने के नियम पर फिलहाल रोक लगा दी है। नियामक ने बैंकों और अन्य सेवा प्रदाताओं को नियम का पालन करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया है। इन अनचाहे संदेशों पर कल रोक लगा दी गई थी, जिसके बाद देश भर में ग्राहकों ने बैंक ओटीपी समेत कई जरूरी टेक्स्ट संदेश नहीं मिलने की शिकायत की थी। हालांकि आज स्थिति में सुधार हुआ और बैंकों तथा भुगतान गेटवे फर्मों ने कहा कि उनके 60 से 70 फीसदी संदेश ग्राहकों तक पहुंच गए हैं।
यह नियम 2018 में बनाया गया था और इसका मकसद ग्राहकों को धोखाधड़ी तथा फिशिंग से बचाना था। इसके तहत संदेश भेजने वाली कंपनियों को पंजीकरण कराना होता है और दूरसंचार फर्में ब्लॉकचेन आधारित सॉल्यूशन के जरिये उनके संदेश सत्यापित करती हैं। गैर-पंजीकृत प्रेषक की आईडी या नाम से भेजे जाने वाले टेक्स्ट संदेश ब्लॉक कर दिए जाते हैं।
नया नियम सोमवार को लागू किया गया था मगर पहले दिन ही काफी दिक्कत हुई और संदेश नहीं पहुंचने के कारण बैंकों, भुगतान कंपनियों और दूरसंचार फर्मों के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए। बैंकों ने गलत तरीके से क्रियान्वयन की शिकायत की और दूरसंचार उद्योग के सूत्रों ने कहा कि बैंकों ने बार-बार भेजे जाने वाले अपने टेक्स्ट संदेश के लिए उचित टेंपलेट नहीं बनाए हैं। बैंकिंग और दूरसंचार क्षेत्र के नियामकों ने स्थिति संभालने के लिए आज  हस्तक्षेप किया।
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक ग्राहकों को समय पर एसएमएस अलर्ट नहीं मिलने की समस्या की समीक्षा की है। सार्वजनिक क्षेत्र के एक बैंकर ने कहा, ‘इससे जुर्माना लगने के साथ ही बैंक की प्रतिष्ठा भी धूमिल हो सकती है।’
ट्राई ने बयान में कहा, ‘यह देखा गया है कि कुछ मूल इकाइयों ने दूरसंचार वाणिज्यिक संवाद ग्राहक तरजीह नियमन, 2018 की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है। इसकी वजह से दूरसंचार प्रदाताओं द्वारा अवांछित संदेशों पर रोक लगाए जाने पर उनके संदेश डिलिवर नहीं हो पाए। ग्राहकों के हित को देखते हुए इस नियम का क्रियान्वयन सात दिन के टालने का निर्णय किया गया है।’ ट्राई ने कहा कि एक हफ्ते के दौरान मूल इकाइयां अपने टेक्स्ट संदेश के टेंपलेट पंजीकृत करा लें ताकि उनके ग्राहकों को किसी तरह की असुविधा न हो।
इंडियन बैंकिंग एसोसिएशन के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकतर बैंक दूरसंचार कंपनियों के पास पंजीकृत हैं और ग्राहकों को वाणिज्यिक संदेश भेजे जाने का टेंपलेट भी उन्हें सौंपा है। उन्होंने कहा, ‘बैंक अपने टेंपलेट बनाए रखेंगे। लेकिन दूरसंचार कंपनियों के साथ साझा किए गए और बैंकों द्वारा भेजे गए टेक्स्ट संदेश के टेंपलेट में कुछ अंतर के कारण ऐसा हुआ है। इस तकनीकी गड़बड़ी पर ज्यादातर बैंक काम कर रहे हैं। अब सभी को टेंपलेट के हिसाब से चलना पड़ेगा।’
भुगतान गेटवे फर्म के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि कई ग्राहकों को कार्ड से लेनदेन के लिए सोमवार को ओटीपी नहीं मिले क्योंकि बैंक जिन एसएमएस वेंडरों के साथ काम करते हैं, उन सभी को दिक्कत आ रही थी।
भुगतान गेटवे फर्म के एक अधिकारी ने कहा कि आज स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है। समस्या यह हुई कि सोमवार सुबह जब नया नियम लागू किया गया तब कई एसएमएस प्रदाताओं और बैंकों के पंजीकृत टेंपलेट नहीं थे। आज 60 से 70 फीसदी लेनदेन सफलतापूर्वक पूरे हुए। कल एक भी एसएमएस नहीं आ रहा था। ऐक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और सिटी बैंक इससे प्रभावित हुए। लेकिन एचडीएफएसी बैंक पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ा।ऐक्सिस बैंक में ईवीपी एवं हेड- रिटेल परिचालन एवं सेवा रतन केश ने कहा, ‘उद्योग सुगमता लाने के लिए विभिन्न संचार एग्रीगेटरों के साथ काम कर रहा है। कुछ एग्रीगेटर इसके लिए तैयार नहीं थे जिसकी वजह से समस्या हुई।’ एचडीएफसी बैंक के एक सूत्र ने बताया, ‘हमें सोमवार को ओटीपी आधारित लेनदेन में कुछ समस्या का सामना करना पड़ा। लेकिन उसे दूर कर लिया गया और आज सामान्य कामकाज हुआ।’पेमेंट सिक्योरिटी फर्म के अधिकारियों ने कहा कि क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जा सकता था और पहले के मामलों से सीख ली जाती तो सोमवार जैसी समस्या से बचा जा सकता था। डिजिटल भुगतान फर्म विबमो इंक के मुख्य कार्याधिकारी सुरेश राजगोपालन ने कहा कि स्थिति बेहतर ढंग से संभाली जा सकती थी।
(साथ में अनीश फडणीस, अभिजित लेले, सुब्रत पांडा और नेहा अलावधी)

First Published - March 9, 2021 | 11:13 PM IST

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