सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग संगठन नॅसकॉम ने नॉन-पर्सनल डेटा (एनपीडी) गवर्नेंस डेटा रिपोर्ट में कुछ खामियां चिह्नित की हैं। अपनी प्रतिक्रिया में उद्योग संगठन ने कहा है कि अनिवार्य डेटा शेयरिंग से डेटा के संग्रह और प्रोसेसिंग में निवेश के लिए प्रोत्साहनों में कमी आ सकती है।
नैसकॉम ने कहा है, ‘डेटा शेयरिंग के लिए यह जिम्मेदारी भारतीय स्टार्ट-अप को कोष जुटाने या प्रतिस्पर्धा करने की उनकी दक्षता की राह में बाधक हो सकती है, क्योंकि उन्हें आखिरकार अपना डेटा साझा करने की जरूरत होगी।’ संगठन ने कहा है कि डेटा साझा करने की जिम्मेदारियां सामान्य तौर पर भारत को नुकसानदायक स्थिति में ला सकती हैं, क्योंकि ऐसी जिम्मेदारियां अन्य क्षेत्रों (देशों) में मौजूद नहीं हो सकती हैं और इस तरह के परिणाम अनपेक्षित होंगे।
नैसकॉम ने सुझाव दिया है कि अनिवार्य रूप से साझा किए जाने के लिए एनपीडी का दायरा सिर्फ सामाजिक, आर्थिक और पब्लिक वैल्यू के साथ कुछ खास श्रेणियों तक सीमित होना चाहिए। संगठन ने एनपीडी की ‘निगेटिव लिस्ट’ के निर्माण का भी सुझाव दिया है जिसे स्पष्ट रूप से नियमन के दायरे से अलग रखा जा सकता है।