उत्पादन से जुड़ाव वाली प्रोत्साहन योजना के तहत पहले वर्ष प्रोत्साहन हासिल करने की आखिरी तारीख 31 मार्च को समाप्त हो गई, ऐसे में अपना-अपना लक्ष्य पूरा करने में नाकाम रहीं मोबाइल उपकरण कंपनियों में से ज्यादातर अब राहत पाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से हस्तक्षेप के लिए पत्र लिखने पर विचार कर रही हैं क्योंकि पीएलआई पर अधिकार प्राप्त समिति की तरफ से उन्हें कोई सूचना नहीं मिली।
ऐपल इंक की तीन वेंडर और स्थानीय विनिर्माताओं मसलन लावा व डिक्सन टेक्नोलॉजिज समेत नौ में से आठ कंपनियां (सैमसंग को छोड़कर) पहले साल (2020-21) में बिक्री का अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाईं, हालांकि उनमें से ज्यादातर ने बिक्री पर 6 फीसदी प्रोत्साहन का पात्र बनने के लिए निवेश का अपना लक्ष्य पूरा कर लिया है। नियम के तहत वैश्विक कंपनियों को पहले साल 4,000-4,000 करोड़ रुपये की बिक्री करनी थी, वहींं देसी कंपनियों के लिए यह आंकड़ा 500-500 करोड़ रुपये का था।
इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना तकनीक मंत्रालय ने आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना में आवेदन की आखिरी तारीख एक महीने बढ़ा दी है। इसके आवेदन की आखिरी तारीख 31 मार्च थी। यह योजना विभिन्न क्षेत्रों के लिए पिछले साल सितंबर में घोषित 10 नई पीएलआी योजनाओं में पहली थी और परिचालन व पात्रता के लिए आवेदन आमंत्रित करने के लिहाज से भी पहली योजना थी।
जिन उत्पादों की पहचान प्रोत्साहन देने के लिए की गई है उनमें लैपटॉप, टेबलेट्स, सर्वर और पीसी शामिल हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय ने कहा है कि आखिरी तारीख इसलिए बढ़ाई गई है क्योंकि योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देश अभी भी मंजूरी की प्रक्रिया में है।
पीएलआई के लिए पात्र मोबाइल उपकरण कंपनियां अपने एसोसिएशन आईसीईए के जरिए पीएमओ से संपर्क साधने की योजना बना रही हैं। एसोसिएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम पीएमओ के पास जाने पर विचार कर रहे हैं। हमने पहले ही पीएलआई की अधिकार प्राप्त समिति को पत्र लिख दिया है। अपनी तरफ से हम कोशिश कर रहे हैं।
आईसीईए ने पीएलआई पर अधिकार प्राप्त समिति से कहा था कि नीति के तहत पहले साल वित्त वर्ष 2020-21 को शून्य घोषित करने के लिए वह एक उपबंध को हटा ले। उन्होंने कोविड-19 के कारण पैदा हुए अवरोध और भारत-चीन के बीच तनाव से पड़े विपरीत असर का हवाला देते हुए बदलाव की मांग की थी। हालांकि उन्हें आधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं मिली है।
