बॉक्स ऑफिस के जिस प्रेत ने साल भर से यशराज फिल्म्स की नींदें हराम कर रखी थीं, आखिरकार उसका सफाया हो ही गया।
अगस्त 2007 में चक दे इंडिया! को मिली सफलता के बाद प्रोडक्शन हाउस ने बॉक्स ऑफिस पर कई असफल फिल्मों का सामना किया और एक साल बाद ‘बचना ऐ हसीनों’ के साथ उसे सफलता का मुंह देखने का मौका मिला।
पिछले सप्ताह शुक्रवार को लगभग 700 प्रिंट्स के साथ इस फिल्म को रिलीज किया गया। इस फिल्म से उम्मीद है कि वह पहले ही सप्ताह में लगभग 35-40 करोड़ रुपये की कमाई कर पाएगी। प्रमुख सिनेमाघरों जैसे पीवीआर सिनेमा, एडलैब्स सिनेमा, इनॉक्स लीजर, शृंगार सिनेमा, सिनेमैक्स इंडिया ने बताया कि बचना ऐ हसीनों को देखने के लिए तीन दिन लंबे सप्ताहंत में 95 प्रतिशत से भी अधिक दर्शक पहुंच रहे हैं।
जबकि कुछ का कहना है कि शुक्रवार को रिलीज हुई अन्य फिल्म गॉड तुसी ग्रेट हो के मुकाबले बचना को लंबे सप्ताहंत से अधिक फायदा पहुंचा है। गॉड तुसी ग्रेट हो में अमिताभ बच्चन, सलमान खान और प्रियंका चोपड़ा जैसी बड़ी स्टारकास्ट के बावजूद सप्ताहंत में इस फिल्म को देखने के लिए सिर्फ 40 से 45 प्रतिशत दर्शक ही पहंच पाए।
इनॉक्स लीजर के वाइस प्रेसिडेंट (प्रोग्रामिंग एवं वितरण) उत्पल आचार्य का कहना है, ‘बचना… की शुरुआत बहुत जबरदस्त हुई और यह युवाओं में काफी पसंद की जा रही है, जबकि गॉउ तुसी ग्रेट हो उद्योग जगत की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही।’
यशराज फिल्म्स के यश चोपड़ा के लिए यह अच्छी खबर है, जिनकी पिछले साल चार फिल्में- ता रा रम पम, झूम बराबर झूम, लागा चुनरी में दाग और आजा नचले बॉक्स ऑफिस की दौड़ में असफल रहीं थीं। सिर्फ चक दे इंडिया! ही 36 करोड़ रुपये कमा पाई थी।
कुछ ऐसा ही इस साल भी देखने को मिला था। 2008 में प्रोडक्शन हाउस की पहली रिलीज फिलम टशन भी कोई कमाल न दिखा पाई थी। फिल्म सामग्री के अलावा फिल्म की असफलता के कारणों में प्रोडक्शन हाउस का मल्टीप्लेक्स मालिकों से राजस्व बांटने पर भी मतभेद अहम था।
चोपड़ा आखिरकार थोड़ा झुके और उन्होंने पहले सप्ताह 50 प्रतिशत कमाई और दूसरे सप्ताह 45 प्रतिशत कमाई बांटने का फैसला लिया। मल्टीप्लेक्स में टशन तब रिलीज की गई जब चोपड़ा 48 प्रतिशत और 38 प्रतिशत मुंबई में और 50 और 40 प्रतिशत अन्य राज्यों में कमाई बांटने को राजी हुए।