फरवरी में वैश्विक प्रौद्योगिकी दिग्गज ट्वीटर की सरकार के साथ तकरार के बाद चर्चित होने वाले देश में विकसित माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू के डाउनलोड 55 लाख तक पहुंच चुके हैं और अब इसकी नजर अगले 18 महीनों में 10 करोड़ उपयोगकर्ताओं पर है।
कंपनी के संस्थापकों के अनुसार 10 करोड़ उपयोगकर्ताओं का महत्त्वपूर्ण पड़ाव हासिल करने के बाद वे इस प्लेटफॉर्म से पैसा कमाना शुरू कर देंगे और इस ऐप को अन्य बाजारों में ले जाएंगे।
कू और वोकल के मुख्य कार्याधिकारी और सह-संस्थापक अप्रामेय राधाकृष्ण ने कहा ‘फिलहाल हमारा ध्यान पैसा कमाने पर नहीं है और उपयोगकर्ता आधार में एक निश्चित सीमा तक विस्तार करेंगे, जिसके बाद हम विज्ञापन, ब्रांडिंग और वर्चुअल उपहारों के जरिये धनार्जन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’
भारतीय बाजार में पैठ के बाद राधाकृष्ण इस ऐप को इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस जैसे देशों में ले जाना चाहते हैं। राधाकृष्ण का मानना है कि अक्सर ट्विटर के भारत के विकल्प के रूप में कहा जाने वाला कू किसी प्रतिस्पद्धी के बजाय ट्विटर के साथ सह-अस्तित्व में रहेगा। कू का उद्देश्य भारतीय भाषा पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ भारतीय बाजार में गहराई तक जाना है। वर्तमान में कूल कन्नड़, तमिल, तेलुगु और मराठी जैसी आठ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है और अगले एक वर्ष के दौरान एक दर्जन से अधिक अन्य भाषाओं में भी शुरुआत करेगा।
राधाकृष्ण ने कहा कि मुझे लगता है कि ट्विटर विभिन्न देशों में अंग्रेजी बोलने वाले लोगों के साथ जुड़ेगा। ये दो अलग-अलग बाजार हैं, इसलिए दोनों ही प्लेटफॉर्म साथ रह सकते है।
कंपनी के विस्तार के लिए अधिक धन जुटाने की खातिर कू कई निवेशकों के साथ भी बातचीत कर रही है। मीडिया में ऐसी खबरें आई हैं कि कू के संस्थापक लगभग तीन करोड़ डॉलर जुटाने के लिए निजी इक्विटी कंपनी टाइगर ग्लोबल के साथ बातचीत कर रहे हैं।