आपके पसंदीदा मल्टीप्लेक्स जल्द ही बंद हो सकते हैं। दरअसल कमाई के बंटवारे के मसले पर फिल्म निर्माताओं के साथ चल रही मल्टीप्लेक्स मालिकों की तकरार थमती नहीं दिख रही है।
इसी वजह से 4 अप्रैल के बाद कोई भी हिंदी फिल्म प्रदर्शित नहीं हुई है, जिससे मल्टीप्लेक्स को जबरदस्त घाटा हो रहा है। यह सिलसिला चलता रहा, तो कई मल्टीप्लेक्स पर पर्दा गिर सकता है।
मल्टीप्लेक्स मालिक और फिल्म निर्माता इस झगड़े को निपटाने के लिए एक या दो दिन में बैठक करेंगे, जिसके बेनतीजा निकलने पर मल्टीप्लेक्स मालिकों को कारोबार बंद करना पड़ेगा क्योंकि पुरानी फिल्मों के दम पर वे ग्राहकों को नहीं खींच पा रहे हैं। इस कारण वहां बमुश्किल 15 फीसदी सीटें ही भर पा रही हैं।
देश में मल्टीप्लेक्सों की तादाद भले ही 250 ही हो, लेकिन बॉलीवुड की 80 फीसदी कमाई इन्हीं के जरिये होती है। जानकारों के मुताबिक इस खटपट की वजह से मल्टीप्लेक्स मालिकों को एक महीने में 200 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
झगड़े की जड़ कमाई है। फिल्म निर्माता मल्टीप्लेक्स मालिकों से कमाई में 50 फीसदी की हिस्सेदारी मांग रहे हैं। मल्टीप्लेक्स मालिकों को यह मांग नागवार गुजर रही है। अभी तक के चलन के मुताबिक पहले हफ्ते की कमाई में से 52 से 55 फीसदी हिस्सा मल्टीप्लेक्स मालिकों की झोली में जाता है जो दूसरे हफ्ते में बढ़कर 55 से 60 फीसदी और तीसरे और चौथे हफ्ते में 70 फीसदी या उससे अधिक के दायरे का पार कर जाता है।
फिलहाल मल्टीप्लेक्स मालिक फिल्म निर्माताओं के 50:50 के फॉर्मले को नहीं मान रहे हैं। ऐस्सेल समूह फन सिनेमा के नाम से 19 मल्टीप्लेक्स चला रहा है इससे जुड़ी ई सिटी के सीईओ अतुल गोयल कहते हैं, ‘बॉलीवुड के कुछ निर्माता जो मांग कर रहे हैं उनको मानने के बजाय हम देश भर के 250 मल्टीप्लेक्स बंद करने को तरजीह देंगे। इसकी वजह हमारी लागत है। 50:50 का फॉर्मूला स्वीकार करने के बाद हमारी लागत बढ़ जाएगी जिससे मुनाफा घट जाएगा।’
पीवीआर सिनेमाज, बिग सिनेमाज, आइनॉक्स लेजर जैसे बड़ी मल्टीप्लेक्स कंपनियों ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। दूसरी ओर फिल्म निर्माण कंपनियां भी अपने रुख पर अड़ी हुई हैं और बिलकुल भी झुकने को तैयार नहीं हैं।
यूटीवी मोशन पिक्चर्स के सीईओ और प्रवक्ता सिद्धार्थ रॉय कपूर ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हमनें जो 50:50 का फॉर्मूला मल्टीप्लेक्स वालों को सुझाया है उस पर वह बात करने के लिए तैयार नहीं है। अगर बात होगी तब उनके बिंदुओं पर विचार भी किया जाएगा। लेकिन कदम पीछे बढ़ाने का भी कोई मतलब नहीं है।’
फिल्म निर्माताओं से कमाई पर झगड़े के कारण नई फिल्में मल्टीप्लेक्स में नहीं
दर्शकों की संख्या घटकर रह गई महज 15 फीसदी
2 दिन में होगी बैठक
