बहुप्रतीक्षित 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी के पहले दिन केंद्र सरकार के लिए 77,000 करोड़ रुपये राजस्व का इंतजाम हो गया। सोमवार को शुरू इस नीलामी में 4 लाख करोड़ रुपये मूल्य के स्पेक्ट्रम की पेशकश की गई है। इस स्पेक्ट्रम नीलामी से अर्जित रकम 16 किस्तों में एक निश्चित अवधि के दौरान मिलेगी। हालांकि कंपनियां चालू वित्त वर्ष के अंत तक अग्रिम रकम अदा कर सकती हैं। इस नीलामी से सरकारी खजाने में चालू वित्त वर्ष के अंत में 12,000-13,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। अगले वित्त वर्ष भी इतनी ही रकम मिलने की उम्मीद है।
700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज और 900 मेगाहट्र्ज के मामले में कुल कीमत (जिस कीमत पर बोली प्रक्रिया बंद होती है) की 25 प्रतिशत राशि अदा की जाएगी। दूसरे बैंड में कंपनियों को अग्रिम भुगतान के रूप में कंपनियों को आधी रकम देनी होगी। इस नीलामी में भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने शिरकत की थी। नीलामी के पहले दिन कुल उपलब्ध स्पेक्ट्रम में 37 प्रतिशत की नीलामी हुई, जबकि मूल्य के लिहाज से 19 प्रतिशत हिस्से की बिक्री हुई।
800 मेगाहट्र्ज बैंड और 2,300 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए सर्वाधिक बोलियां आईं। 800 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम 4जी सेवा के लिए उपयुक्त होते हैं। 800 मेगाहट्र्ज बैंड में उपलब्ध स्पेक्ट्रम के 65 प्रतिशत हिस्से की बिक्री हुई जबकि 2,300 मेगाहट्र्ज बैंड में 89 प्रतिशत हिस्से की नीलामी हुई। 800 मेगाहट्र्ज में रिलायंस जियो ने अमानत रकम के तौर पर 10,000 करोड़ रुपये जमा किए और इस बैंड में सबसे बड़ी बोलीदाता रही। विशेषज्ञों का कहना है कि पर्याप्त स्पेक्ट्रम से खुद को लैस करने के लिए दूरसंचार कंपनियों को इस बैंड में स्पेक्ट्रम की जरूरत थी।
2,500 मेगाहट्र्ज और 700 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रक की बिक्री नहीं हुई। दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि तय नियमों के तहत बिकवाली के बाद बच गए स्पेक्ट्रम की नीलामी की पेशकश अगली बोली प्रक्रिया में की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से पहले भारतीय दूरसांचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की अनुमति ली जाएगी।
प्रकाश ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी वित्त वर्ष 2022 में होने का भी संकेत दिया। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के पास अधिक स्पेक्ट्रम होने से सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी। उन्होंने कहा कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी आने वाले समय में होगी और तब तक दूरसंचार उद्योग इसके लिए पर्याप्त ढांचा तैयार कर सकता है।
700 मेगाहट्र्ज बैंड बेहतर इंटरनेट सुविधा के लिए आदर्श माना जाता है, लेकिन 2016 में हुई नीलामी में इसकी बिक्री नहीं हुई थी। अगस्त 2018 में ट्राई ने अपनी सिफारिश में इस बैंड में स्पेक्ट्रम की कीमतों में 40 प्रतिशत कमी करने की बात कही थी। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कीमतें घटने के बाद भी कंपनियों में उत्साह नहीं दिख रहा है। दूरसंचार कंपनियां कह चुकी हैं कि 700 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जापान सहित दूसरे देशों के मुकाबले अधिक हैं। 16 दिसंबर को केंद्र सरकार ने 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया पर मुहर लगा दी थी और और इससे सरकार को 3.92 लाख करोड़ रुपये राजस्व मिल सकते हैं।