स्थानीय स्तर पर भर्तियों को तरजीह दे रहीं आईटी फर्में

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 8:42 AM IST

कोविड-19 की महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग भी इससे अछूता नहीं रहा है। महामारी के कारण यात्रा पर कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं, जिसका असर आईटी कंपनियों की नियुक्ति पर दिख रहा है। कंपनियां अब स्थानीय स्तर पर नियुक्तियों को तरजीह दे रही हैं, जिससे अगले कुछ साल में इस क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों की वीजा पर निर्भरता और भी कम हो सकती है।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने डॉनल्ड ट्रंप की पिछली सरकार के समय में आव्रजन कानून बदलने वाले फैसलों को पलट दिया है। इन कानूनों का सबसे ज्यादा प्रभाव आईटी कंपनियों पर ही हुआ था। लेकिन आव्रजन के कानून सरल होने के बाद भी इन कंपनियों ने शायद एच1-बी और एल1 वीजा पर अपनी निर्भरता कम करने का तरीका खोज निकाला है।
देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) पिछले 6-7 साल से अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को नौकरी देती आई है। भारत में नियुक्तियों की अपनी रणनीति को ही वह अमेरिका में भी अमल में ला रही है और इसके लिए वह अमेरिका के कॉलेजों में जाकर छात्रों को नौकरी दे दही है। अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच उसने कुल 10,938 स्थानीय कर्मचारी नियुक्त किए, जिनमें 3,000 से अधिक अक्टूबर से दिसंबर के बीच रखे गए थे। मानव संसाधन (एचआर) विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनी ने तीसरी तिमाही में सबसे अधिक नए लोगों की भर्तियां की हैं।
पिछले पांच वर्षों के दौरान टीसीएस ने 20,000 से अधिक लोग नियुक्त किए हैं। यह बात कंपनी की वित्त वर्ष 2020 की सालाना रिपोर्ट में कही गई है। कंपनी के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी मिलिंद लक्कड़  ने रिपोर्ट में कहा, ‘इन कदमों से कार्य वीजा का इस्तेमाल पांच वर्ष पहले के मुकाबले काफी कम रह गया है। इससे हमारे कारोबार से जुड़ा जोखिम भी काफी हद तक कम हो गया है। भविष्य की बात करें तो एसबीडब्ल्यूएस की मदद से कई कार्य ऑनलाइन ही पूरा होने से एक जगह से दूसरी जगह जाने की जरूरत और कम हो गई है।’
इन्फोसिस के चेयरमैन एवं सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी ने हाल में ही कहा था कि स्थानीय लोगों को अधिक तरजीह देने के बढ़ते चलन से कंपनियों को हरेक बाजार में अधिक सक्रियता दिखानी होगी। पिछले वर्ष इन्फोसिस ने कहा था कि अगले दो वर्षों के दौरान उसने 12,000 अमेरिकी पेशेवर नियुक्त करने की योजना तैयार की है और पांच वर्षों में अमेरिका में 25,000 लोग
नियुक्त करेगी। वैल्यू लीडरशिप ग्रुप के मुख्य कार्याधिकारी पीटर शुमाकर ने कहा कि अमेरिका में अधिक से अधिक कर्मचारी नियुक्त करने की भारतीय कंपनियों की योजना मोटे तौर पर कोविड और आव्रजन नियमों तक ही सीमित नहीं है। शुमाकर ने कहा, ‘ये सभी कंपनियां अपने संबंध बेहतर बनाकर अपने ग्राहकों के साथ अधिक तालमेल बैठाना चाहती है। ग्राहकों के इर्द-गिर्द ही ग्राहकों को रखने से भारतीय कंपनियों को अपने ग्राहकों को बेहतर समझने में मदद मिलेगी। इससे उन्हें ग्राहकों को प्रभावित करने वाली परिसंपत्तियों में तेजी से कदम उठाने में मदद मिलेगी।’
ईआईआईआरट्रेंड के संस्थापक एवं मुख्य विश्लेषक पारीख जैन का कहना है कि स्थानीय स्तर पर कर्मचारियों की नियुक्ति हमेशा से कारोबारी गणित से जुड़ी रही है। जैन ने कहा कि स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति का फायदा अंतत: दिखने लगा है और कोविड-19 की वजह से ऑनलाइन माध्यम से काम-काज बढऩे से वीजा पर निर्भरता कम हो गई है। एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने तीसरी तिमाही ने के नतीजों के बाद कहा कि अगले चार से छह महीनों के दौरान वे 20,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति करेंगे, जिनमें 15 प्रतिशत स्थानीय लोग होंगे।

First Published : February 5, 2021 | 11:03 PM IST