प्रतीकात्मक तस्वीर
कम विवेकाधीन खर्च और वृहद अनिश्चितता के कारण वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी तिमाही के नरम रहने की आशंका है। टैरिफ युद्ध और मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिमों के बीच वित्त वर्ष 2026 में सुधार से जुड़ी उनकी चिंताएं बरकरार रह सकती हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में वित्तीय सेवा क्षेत्र की बेहतर ग्राहक मांग से कंपनियों को फायदा हो सकता है। लेकिन एक्सेंचर की दूसरी तिमाही के नतीजों के बाद हाल की टिप्पणी ने वित्त वर्ष 2026 के लिए वृद्धि की चिंता बढ़ा दी है। कई लोगों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर व्यापक आर्थिक अनिश्चितता बढ़ गई है, क्योंकि ग्राहक अभी भी अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर शुल्कों के असर का अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं।
एक्सेंचर ने पिछले सप्ताह कहा कि वित्तीय सेवाओं और अमेरिका में डिस्क्रेशनरी खर्च में वृद्धि हुई है। यह टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो के लिए अच्छा संकेत हो सकता है क्योंकि बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई) व्यवसाय का हर साल राजस्व में 25-40 प्रतिशत का योगदान रहता है।
ज्यादातर आईटी सेवा कंपनियां अपने बड़े राजस्व के लिए अमेरिका पर काफी हद तक निर्भर हैं और पिछले दो वर्षों में उनकी वृद्धि धीमी पड़ी है, क्योंकि ग्राहकों ने डिजिटल बदलाव संबंधित कार्यक्रमों में खर्च कम किया है और वे ऐसी तकनीकी परियोजनाओं में ज्यादा निवेश में उत्सुक थे जिससे उनकी लागत में कमी आई और दक्षता सुधरी।
आईटी उद्योग संगठन नैसकॉम के अनुसार वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2024 में वृद्धि दर करीब 4.3 प्रतिशत और 2 प्रतिशत रही। इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि अमेरिकी डॉलर में 4-6 प्रतिशत की सीमा में मद्धम रहने की उम्मीद है।
मैक्वेरी के विश्लेषक रवि मेनन ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘हालांकि हमारी राय में इस पर नजर रखना जरूरी है कि अमेरिका में मंदी आएगी या नहीं, लेकिन हमारा मानना है कि इससे केवल अस्थायी तौर पर ही नुकसान होगा, क्योंकि मंदी के कारण आमतौर पर लागत में कटौती के कार्यक्रम चलते हैं और आउटसोर्सिंग की मांग में इजाफा होता है।’
मैक्वेरी का अनुमान है कि अगर वृद्धि की गति सही रही और व्यापक आर्थिक स्थितियां और ज्यादा खराब नहीं हुईं तो अगले वित्त वर्ष में लार्जकैप कंपनियों की वृद्धि दर 6-9 प्रतिशत रहेगी। एक्सेंचर के दूसरी तिमाही के नतीजों से इस दृष्टिकोण को बल मिला है, जिसमें कंपनी ने पूरे वर्ष के लिए अपने अनुमान की सीमा को स्थिर मुद्रा में बढ़ाकर 5-7 प्रतिशत तक सीमित कर दिया है जो एक तिमाही पहले 4-7 प्रतिशत था।
पिछले कुछ समय में शीर्ष छह आईटी सेवा कंपनियों का प्रदर्शन उद्योग जगत के प्रदर्शन से बहुत अलग रहा है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में लार्जकैप कंपनियों ने स्थिर मुद्रा (सीसी) में 0 – 3.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। मिडकैप ने कोफोर्ज के नेतृत्व में 0.2 – 8.4 प्रतिशत सीसी तिमाही वृद्धि के साथ फिर से बड़े प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ दिया।
मुख्य सवाल यह है कि अगले 6 महीनों के दौरान आर्थिक चुनौतियां कितनी गंभीर रहेंगी क्योंकि ग्राहकों ने अपने आईटी बजट को लेकर सख्त रुख अपना रखा है। किसी भी बिगड़ती स्थिति का वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि परियोजनाएं रुक जाएंगी और ग्राहक अपनी प्राथमिकताओं पर जोर देंगे। इसका कंपनियों की नियुक्ति योजनाओं पर भी तुरंत प्रभाव पड़ेगा।