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Railway PSU: नवरत्न बनने के बाद पहली बार जारी किए तिमाही नतीजे, ₹1682 करोड़ हुआ मुनाफा; स्टॉक्स मूवमेंट पर रखें नजर

चौथी तिमाही में IRFC का ऑपरेशनल रेवेन्यू 6,723 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 6,474.58 करोड़ रुपये के मुकाबले लगभग 4 प्रतिशत ज्यादा है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 28, 2025 | 8:47 PM IST

रेलवे सेक्टर की बड़ी कंपनी इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन (IRFC) ने वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4) के नतीजों का ऐलान कर दिया है। यह कंपनी का पहला तिमाही नतीजा है, जो उसे मिनी रत्न से नवरत्न PSU का दर्जा मिलने के बाद घोषित किया गया है। IRFC ने बताया कि मार्च तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा 1681.87 करोड़ रुपये रहा। हालांकि, पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी ने 1717.32 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था, यानी इस बार थोड़ा कम लाभ हुआ है।

ऑपरेशनल रेवेन्यू में 4% की बढ़त

चौथी तिमाही में IRFC का ऑपरेशनल रेवेन्यू 6,723 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में दर्ज 6,474.58 करोड़ रुपये के मुकाबले लगभग 4 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि, इस दौरान कंपनी का खर्च भी बढ़कर 5,042 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि एक साल पहले यह 4,761 करोड़ रुपये था। यानी कंपनी की लागत में भी इज़ाफा हुआ है।

पूरे साल FY2025 में 6,502 करोड़ रुपये का मुनाफा

IRFC ने पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में भी शानदार प्रदर्शन किया है। कंपनी ने पूरे साल में कुल 6,502 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 6,412.12 करोड़ रुपये था। यानी सालाना आधार पर मुनाफे में बढ़त देखने को मिली है।

60,000 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान

IRFC के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 60,000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है। यह राशि टैक्स-फ्री बॉन्ड्स, टैक्सेबल बॉन्ड्स (प्राइवेट प्लेसमेंट या पब्लिक इश्यू), कैपिटल गेन बॉन्ड्स, सरकार द्वारा गारंटीशुदा बॉन्ड्स और सरकार द्वारा सर्विस किए गए बॉन्ड्स के जरिए जुटाई जाएगी।

कंपनी ने साथ ही रणधीर सहाय को डायरेक्टर (फाइनेंस) पद पर नियुक्त करने को भी मंजूरी दे दी है।

सस्ती फंडिंग और नई रणनीति पर फोकस

IRFC के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज कुमार दुबे ने कहा कि कंपनी सस्ती दरों पर फंड जुटाने के लिए कई प्रयास कर रही है। इसमें जीरो कूपन बॉन्ड्स, कैपिटल गेन टैक्स छूट वाले बॉन्ड्स और घरेलू सस्ते बॉन्ड मार्केट का बेहतर इस्तेमाल शामिल है। उन्होंने कहा कि IRFC अब अपने लेंडिंग पोर्टफोलियो में विविधता ला रही है और खुद को इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में एक प्रमुख ऋणदाता के तौर पर स्थापित कर रही है, जहां रेलवे इसके केंद्र में रहेगा।

 

First Published : April 28, 2025 | 5:07 PM IST