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हरित ऊर्जा की दिशा में बढ़ेगा निवेश : रुइया

Published by
देव चटर्जी
Last Updated- February 27, 2023 | 10:40 PM IST

भारत के इस्पात और तेल रिफाइनरी क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद एस्सार समूह हरित ऊर्जा की दिशा में ब्रिटेन और भारत में अपने 3.6 अरब डॉलर के निवेश की वजह से दोबारा चर्चा में है। देव चटर्जी के साथ एक बातचीत में एस्सार समूह के उत्तराधिकारी प्रशांत रुइया ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के विनिर्माण केंद्र के रूप में होने से समूह हरित ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख भागीदार होगा। संपादित अंश :

समूह के 3.6 अरब डॉलर के निवेश का एक बड़ा हिस्सा ब्रिटेन में है। क्या आप भारत में और अधिक निवेश करने की योजना बना रहे हैं?

हम 1.2 अरब डॉलर के शुरुआती निवेश के साथ भारत में हरित अमोनिया संयंत्र स्थापित कर रहे हैं। हम इस परियोजना की जगह का चयन करने की प्रक्रिया में हैं और जल्द ही इस बारे में घोषणा करेंगे। ये उत्पाद भारत से ब्रिटेन और यूरोप तथा अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में भेजे जाएंगे। जैसे-जैसे परियोजना विकसित होगी, हम निवेश बढ़ाने पर ध्यान देंगे।

आप इस परियोजना के लिए पैसा जुटाने की क्या योजना बना रहे हैं? क्या आप भारतीय बैंकों से संपर्क करेंगे?

इस परियोजना के लिए ऋण और इक्विटी दोनों से ही रकम का इंतजाम किया जाएगा और हम ऋण के लिए भारत तथा विदेशी बैंकों से संपर्क करेंगे। एस्सार एनर्जी ट्रांजिशन के तहत हमारे पास पांच प्रमुख परियोजनाएं हैं। इसमें स्टैनलो रिफाइनरी, इंडियन ग्रीन अमोनिया विनिर्माण संयंत्र, ईईटी फ्यूचर एनर्जी, बायो फ्यूल और कार्बन कैप्चर योजनाएं शामिल हैं। हम वर्ष 2026 और 2027 तक इस परियोजना को चालू करने की योजना बना रहे हैं।

क्या समूह हरित ऊर्जा के अलावा भारत में किसी अन्य परियोजना में निवेश कर रहा है?

भारत में हमारे अन्य निवेशों में एलएनजी ट्रक विनिर्माण और एलएनजी ईंधन स्टेशनों सहित एलएनजी मूल्य श्रृंखला स्थापित करना और ओडिशा में पेलेट संयंत्र स्थापित करना शामिल है। हम सऊदी अरब के रास-अल-खैर में 40 लाख टन प्रति वर्ष के हरित इस्पात परिसर में भी निवेश कर रहे हैं। ये परियोजनाएं ईईटी से बाहर की हैं, जिसे आज पेश किया गया है।

हरित ऊर्जा की दिशा में प्रवेश की वजह?

हमारी रणनीति इस बात पर आधारित है कि हाइड्रोजन और जैव ईंधन तेजी से भविष्य के महत्वपूर्ण ईंधन बनते जा रहे हैं और ब्रिटेन ने यूरोप के कम कार्बन वाले ईंधन बाजार की तीव्र वृद्धि में मजबूती के साथ अग्रणी स्थिति बना ली है। ब्रिटेन को कम कार्बन ऊर्जा उत्पादन का समर्थन करने के लिए उन्नत विनियामकीय और नीतिगत ढांचे से फायदा पहुंचता है तथा ब्रिटेन की सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 10 गीगावॉट उत्पादन स्तर हासिल करना है।

First Published : February 27, 2023 | 10:23 PM IST