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लैपटॉप और आईटी हार्डवेयर आयात प्रबंधन प्रणाली को बढ़ाने पर विचार, उद्योग को मिल सकती है राहत

इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और विशेष रूप से चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए 1 नवंबर को आयात प्रबंधन प्रणाली शुरू की गई थी।

Last Updated- August 13, 2024 | 11:10 PM IST
लैपटॉप और आईटी हार्डवेयर आयात प्रबंधन प्रणाली को बढ़ाने पर विचार, उद्योग को मिल सकती है राहत Consideration to increase laptop and IT hardware import management system, industry may get relief

सरकार लैपटॉप एवं अन्य आईटी हार्डवेयर उत्पादों के लिए आयात प्रबंधन प्रणाली को कुछ महीनों के लिए बढ़ाने पर विचार कर सकती है। इस मामले से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी। मौजूदा प्रणाली 30 सितंबर तक वैध है। अगर सहमति बनती है और इसे आगे बढ़ाया जाता है तो उद्योग को आयात मामले में स्पष्टता आएगी। साथ ही व्यापार भी प्रभावित नहीं होगा, खास कर ऐसे समय में जब आईटी हार्डवेयर उत्पादों के लिए घरेलू विनिर्माण परिवेश दमदार नहीं है।

इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और विशेष रूप से चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए 1 नवंबर को आयात प्रबंधन प्रणाली शुरू की गई थी। इसके अंतर्गत लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर जैसे उत्पादों को शामिल किया गया है। इसके अलावा बढ़ते साइबर सुरक्षा खतरों के बीच सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के लिए एक भरोसेमंद आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना चाहती थी।

सरकार ने पिछले साल एंड-टू-एंड ऑनलाइन सिस्टम की घोषणा करते हुए कहा था कि इस प्रणाली की वैधता अव​धि खत्म होने के बाद उसे आगे बढ़ाने के बारे में कोई निर्णय लेने से पहले प्राप्त आंकड़ों का अध्ययन किया जाएगा।

समझा जाता है कि वाणिज्य विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारी आगे की रणनीति पर अंतिम निर्णय लेने के लिए बैठकें कर रहे हैं। एक सूत्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘पिछले कुछ सप्ताह के दौरान उद्योग के प्रमुख प्रतिनिधियों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

सरकार संभवत: ऐसी व्यवस्था नहीं अपनाएगी जिसमें लैपटॉप एवं अन्य आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात पर कोटा या मात्रात्मक प्रतिबंध लगाने की बात हो क्योंकि ऐसा करने से विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सवाल उठ सकते हैं। स्वचालित लाइसेंसिंग के जरिये डेटा जुटाने की मौजूदा आयात प्रबंधन प्रणाली डब्ल्यूटीओ के मानदंडों के अनुरूप है।
वाणिज्य विभाग और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच भी इस मुद्दे पर चर्चा हुई है कि भरोसेमंद देशों से ऐसे उत्पादों के आयात के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) फिलहाल इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संपर्क में है। उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में कहा, ‘इस संबंध में कोई भी निर्णय आयात प्रबंधन प्रणाली को लागू करने के उद्देश्यों का आकलन करने के बाद ही लिया जाएगा।’

एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘इस पहल से कुछ हद तक राहत मिली है। आईटी हार्डवेयर 2.0 योजना की सफलता के साथ भारत में विनिर्माण परिवेश विकसित करना इसका मुख्य उद्देश्य है। सरकार को उम्मीद है कि डेल, एचपी आदि तमाम बड़ी कंपनियों की इसमें बड़ी भागीदारी दिखेगी। ये कंपनियां अप्रैल 2025 से उत्पादन शुरू कर देंगी।’

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा आयात प्रबंधन प्रणाली को आगे बढ़ाते हुए उसे जारी रखना बेहतर रहेगा क्योंकि अभी घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो पाई है। उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि अगर सरकार नीतिगत दृष्टिकोण में महत्त्वपूर्ण बदलाव करना चाहती है तो नई प्रणाली के अपनाए जाने तक मौजूदा प्रणाली में विस्तार दिया जा सकता है।

पिछले साल अगस्त में सरकार ने घोषणा की थी कि वह आईटी हार्डवेयर के आयात के लिए लाइसेंस जारी करने की योजना बना रही है। मगर कंपनियों, उद्योग संगठनों और प्रमुख व्यापार भागीदारों के भारी विरोध के बाद नई संपर्करहित आयात प्रबंधन प्रणाली को लागू किया गया था। इस प्रणाली के तहत एंड-टु-एंड ऑनलाइन प्रारूप में आयात परमिट जारी किए जाते हैं।

First Published - August 13, 2024 | 10:57 PM IST

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