आईटीसी से अलग हुई कंपनी आईटीसी होटल्स के प्रबंध निदेशक अनिल चड्ढा ने ईशिता आयान दत्त के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। कंपनी एक स्वतंत्र कंपनी के तौर पर आगे बढ़ने और दलाल पथ पर दस्तक देने को तैयार है। प्रमुख अंश …
आईटीसी होटल्स स्वतंत्र हॉस्पिटैलिटी कंपनी बन गई है। यह आगामी विकास रणनीति में किस तरह से मददगार साबित होगी?
हम वर्ष 1975 में व्यवसाय में आए और यह अहसास करने में हमें कुछ वर्ष लग गए कि हम इस विशेष व्यवसाय में एक प्रमुख कंपनी बनना चाहते हैं। कंपनी ने अच्छी प्रगति की है, भोजन की उत्कृष्टता और मजबूत साख के मामले में प्रतिष्ठा के अलावा कुछ बेहतरीन संपत्तियां बनाई हैं। एक समय ऐसा आता है जब आप पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं और आपको लगता है कि अब खुद के लिए कुछ करने का सही समय है।
हम शून्य ऋण बैलेंस शीट के साथ इस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। हमारे पास आईटीसी की 40 प्रतिशत (इक्विटी) हिस्सेदारी बनी हुई है। इसलिए बुनियादी आधार बेहद मजबूत है, जिससे न सिर्फ हमारी वृद्धि को ताकत मिलेगी बल्कि हम भारत की सफलता की कहानी में ज्यादा मूल्यवान योगदान दे पाएंगे।
आपके पास 1,500 करोड़ रुपये की नकदी और नकदी समतुल्य राशि है। आप इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे?
हम जीरो डेट बैलेंस शीट के साथ शुरुआत कर रहे हैं और हमारे पास 1,500 करोड़ रुपये की नकदी और अन्य परिसंपत्तियां हैं। इसलिए हम आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अगर कोई विलय-अधिग्रहण संबंधित अवसर हमारे सामने आएगा, तो हम उस पर विचार कर सकते हैं।
अधिग्रहणों के लिए क्या आप घरेलू या अंतरराष्ट्रीय बाजार पर ध्यान देंगे?
हम मुख्य तौर पर घरेलू बाजार पर जोर देंगे, क्योंकि भारत सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक है और वहां हर कोई आना एवं निवेश करना चाहता है। यदि आप भारत में आज उपलब्ध आरओसीई या एबिटा मार्जिन को देखें, तो उद्योग अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं।
आप निकटवर्ती बाजारों में विस्तार की योजना बना रहे हैं। रत्नदीपा चालू हो गया है, नेपाल में फॉर्च्यून है, तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अगला पड़ाव क्या है?
जब हमें लगा कि वैश्विक स्तर पर प्रवेश करने का सही समय आ गया है तो हमने आईटीसी रत्नदीपा की शुरुआत की। यही वह समय था जब हमने श्रीलंका पर ध्यान देना शुरू किया। इस होटल को काफी पसंद किया जा रहा है। हमने हाल में वेलकमहोटल के साथ समझौता किया है, जो 300 कमरों वाला होटल है और इसमें कुछ वर्ष लगेंगे।
फिलहाल आपके पोर्टफोलियो में 6 ब्रांड मौजूद हैं। इनमें कौन सा भविष्य में मजबूत वृद्धि में मददगार साबित हो सकता है?
भारत की विकास की कहानी वाकई शानदार है। देश बढ़ती अतिरिक्त खर्च योग्य आय, शहरीकरण, बेहतर बुनियादी ढांचे और विभिन्न सरकारी पहलों से विकास के स्वर्णिम युग का गवाह बन रहा है। यदि आप हमारे सभी ब्रांडों को देखें तो पाएंगे कि उनकी सफलता की कहानी स्पष्ट है। हम आतिथ्य के सभी क्षेत्रों में फैले हुए हैं, चाहे वह आईटीसी होटल हो या लक्जरी स्पेस में मेमेंटोस, अपर अपस्केल से अपस्केल के बीच वेलकमहोटल और मिडस्केल में फॉर्च्यून हो।
आपने पिछले 24 महीनों में 28 होटल खोले हैं। आगे की योजना क्या है?
हमारे पास लगभग 4,400 चाबियां हैं और करीब 45 होटल पाइपलाइन में हैं। वर्ष 2030 तक हमने सभी ब्रांडों में 200 होटल और 18,000 चाबियों का लक्ष्य रखा है।