उद्योग

फार्मा इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने जनेरिक के साथ दवाओं के ब्रांड नाम लिखने की भी मांगी अनुमति

चिकित्सकों और उद्योग जगत ने सुझाव दिया है कि नुस्खे में दवाओं के जनेरिक नाम लिखने के साथ-साथ ब्रांड नाम का भी उल्लेख किया जाना चाहिए

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सोहिनी दास   
Last Updated- August 21, 2023 | 10:00 PM IST

राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) के हालिया नियमन को लेकर फार्मा उद्योग के प्रतिनि​धियों और चिकित्सकों ने आज दिल्ली में केंद्र सरकार के वरिष्ठ अ​धिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने दवाओं के जनेरिक नाम के साथ-साथ दवाओं के ब्रांड लिखने की अनुमति देने की मांग की। घटनाक्रम से वाकिफ सूत्र ने इसकी जानकारी दी।

सरकारी अ​धिकारियों के साथ करीब दो घंटे तक चली बैठक में चिकित्सकों के शीर्ष निकाय इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रतिनिधियों, फार्मा लॉबी समूह इंडियन फार्मा अलायंस के सदस्यों ने राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (NMC) द्वारा जारी नए नियमन पर चर्चा की। एनएमसी ने चिकित्सकों के लिए केवल जनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य कर दिया है। आईएमए के एक वरिष्ठ अ​धिकारी ने कहा कि बैठक सार्थक रही और सरकार ने सुझावों पर ध्यान दिया है।

 

P। ऐसा नहीं होने से उपचार चिकित्सकों के हाथों से निकलकर दवा विक्रेताओं के पास चला जाएगा। हालांकि अभी यह देखना होगा कि उद्योग की प्रतिक्रिया के बाद एनएमसी अपने दिशानिर्देश में संशोधन करता है या नहीं।

दिलचस्प है कि दवा विक्रेता संघ भी इस निर्णय से खुश नहीं है। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स ऐंड ड्रगिस्ट्स के महा​सचिव राजीव सिंघल ने कहा कि जनेरिक दवाओं के मामले में सरकार के हालिया निर्णय से भविष्य में बड़ी कंपनियों का एका​धिकार हो सकता है। दवाओं की गुणवत्ता पर भी असर पड़ सकता है।

First Published : August 21, 2023 | 10:00 PM IST