उद्योग

महंगाई घटाने, वृद्धि को सहारा देने में जुटा है RBI

Published by
निकेश सिंह   
Last Updated- June 08, 2023 | 9:17 PM IST

उद्योग समूहों फिक्की और एसोचैम ने कहा है कि लगातार दूसरी बार मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों को यथावत रखने कै फैसला महंगाई में कमी लाने और अर्थव्यवस्था में वृद्धि को सहारा देने से प्रेरित है।

आरबीआई ने नीतिगत दरें 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखी है। अप्रैल में भी मौद्रिक नीति समिति ने दरें अपरिवर्तित रखी थी।

फिक्की के अध्यक्ष सुभ्रकांत पांडा ने कहा, नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने का फैसला अनुमान के मुताबिक है क्योंकि आरबीआई महंगाई पर नजर बनाए हुए है और वृद्धि को सहारा दे रहा है।

उन्होंने कहा, फिक्की को लग रहा है कि दर बढ़ोतरी के चक्र की वापसी के लिहाज से मौद्रिक नीति के जरिए हुए हस्तक्षेप का असर तय अवधि में दिखेगा।

मई 2022 से लगातार छह बार दरों में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी के बाद दूसरी बार रीपो दर बढ़ोतरी पर विराम लगाया गया है।

एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा, मौद्रिक नीति समिति की नजर महंगाई पर नियंत्रण पर बनी रही, लेकिन हमें भरोसा है कि आरबीआई बैंकिंग व्यवस्था में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा और क्रेडिट की रफ्तार मजबूत बनी रहेगी। उन्होंने कहा, कीमत में स्थिरता और वृद्धि पर जोर, भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार बनाए रखने के लिए उत्प्रेरक हैं।

कैस्पियन डेट के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) अभिषेक गुप्ता ने कहा, नीतिगत दरों में स्थिरता अर्थव्यवस्था में रिकवरी के लिहाज से अनिवार्य होगी। जैसा कि आरबीआई ने संकेत दिया है, मौसम विभाग ने हालांकि मॉनसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी की है लेकिन मॉनसून के ​वितरण पर नजर रखनी होगी क्योंकि यह कृषि पर असर डालेगा और इसके नतीजे के तौर पर खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ेंगी।

First Published : June 8, 2023 | 9:17 PM IST