उद्योग

सरकार ने कपड़ा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए PLI योजना में किया संशोधन, न्यूनतम निवेश सीमा घटाई

सरकार द्वारा पीएलआई योजना में संशोधन किया गया है जिससे कपड़ा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, नई परियोजना इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित करने और आवेदन प्रक्रिया आसान बनाई गई है

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श्रेया नंदी   
Last Updated- October 09, 2025 | 9:55 PM IST

सरकार ने उद्योग की चुनौतियों का समाधान करने, व्यापार करने में आसानी बढ़ाने और कपड़ा क्षेत्र में नए निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में संशोधन का ऐलान किया है।

वस्त्र मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इस योजना में संशोधन के तहत मानव निर्मित परिधानों और कपड़ों के एचएसएन कोड का विस्तार, निवेश की न्यूनतम सीमा में कमी, नई कंपनियां बनाने के बजाय मौजूदा कंपनियों के भीतर परियोजना इकाइयों की स्थापना के लिए मानदंडों में छूट शामिल है। एक और परिवर्तन में प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए वृद्धिशील कारोबार मानदंड को पहले के 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘इसी वर्ष 1 अगस्त से प्रभावी संशोधित योजना में सभी नए आवेदकों के लिए योजना के भाग-1 श्रेणी में न्यूनतम निवेश 300 करोड़ रुपये से घटाकर 150 करोड़ रुपये और भाग-2 श्रेणी में 100 करोड़ रुपये से घटाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया गया है।’

बयान के अनुसार, ‘उद्योग से व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए वस्त्र मंत्रालय ने पीएलआई योजना आवेदन पोर्टल 31 दिसंबर तक खोल दिया है। इच्छुक कंपनियां संशोधित ढांचे और विस्तारित समयसीमा का लाभ उठाकर भारत को एक वैश्विक वस्त्र निर्माण केंद्र बनाने में अपना योगदान दें।’ इसमें कहा गया है कि ताजा संशोधन से नए उद्यमियों के इस क्षेत्र में कदम रखने में आने वाली बाधाओं और वित्तीय अड़चनों को काफी कम कर देंगे।

केंद्र ने सितंबर 2021 में वस्त्र क्षेत्र के लिए पीएलआई  योजना को मंजूरी दी थी, जिसमें एमएमएफ परिधान और एमएमएफ कपड़ों के उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ 5 साल की अवधि के लिए 10,683 करोड़ रुपये का बजटीय इंतजाम किया गया था।

एमएमएफ में विस्कॉस, पॉलिएस्टर, एक्रिलिक शामिल हैं, जो रसायनों से बने होते हैं। निर्यातकों का मानना है कि एमएमएफ परिधान वर्तमान में भारत के कुल परिधान निर्यात का 5वां हिस्सा है। दूसरी ओर, तकनीकी वस्त्र नए युग का वस्त्र है जिसका उपयोग व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट, एयरबैग, बुलेटप्रूफ जैकेट के उत्पादन के लिए किया जा सकता है। इसका उपयोग विमानन, रक्षा, इन्फ्रा जैसे क्षेत्रों में भी होता है। अब तक पीएलआई योजना के लिए 28,711 करोड़ रुपये के प्रतिबद्ध निवेश वाली 74 प्रतिभागी कंपनियों को चुना गया है।

First Published : October 9, 2025 | 9:55 PM IST