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केंद्र सरकार ने भारत के समुद्री क्षेत्र में फैली खनिज संपदा को हासिल करने के लिए महत्त्वपूर्ण अपतटीय खनिज ब्लॉक की पहली नीलामी गुरुवार को शुरू की। इस नीलामी में अरब सागर और अंडमान सागर क्षेत्र में फैले 13 ब्लॉक शामिल थे। इनमें केरल के कोल्लम में निर्माण रेत के तीन ब्लॉक, गुजरात के पोरबंदर में चूना मिट्टी के तीन ब्लॉक और ग्रेट अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बहुधात्विक पिंडों (पॉलिमेटेलिक नोड्यूल) के सात ब्लॉक हैं।
केंद्रीय कोयला और खान मंत्री जी. कृष्णन रेड्डी ने महत्त्वपूर्ण अपतटीय खनिज ब्लॉक की नीलामी की शुरुआत की। इस नीलामी को मील का पत्थर करार दिया गया है। इस नीलामी के बूते भारत ने अपने 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में खनिज खोजने की शुरुआत की है। रेड्डी ने कहा, ‘अपतटीय क्षेत्र खनन (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2002 होने बावजूद दो दशकों से अपतटीय खनन में कोई प्रगति नहीं हुई है। यह नीलामी समुद्र की संपदा पर आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगी। इस नीलामी के बूते भारत अपतटीय खनन में शामिल चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हुआ है।’
इस नीलामी का ध्येय महत्त्वपूर्ण खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करना है। इससे लीथियम, कोबाल्ट, निकल और तांबे की बढ़ती मांग पूरी होगी। इन खनिजों की मांग आने वाले वर्षों में आठ गुना होने का अनुमान जताया गया है।
इन नीलामी में उपलब्ध खनिजों का उद्योगों में विविधि इस्तेमाल है। निर्माण रेत आधारभूत विकास के लिए महत्त्वपूर्ण तत्त्व है। इसका उपयोग कंक्रीट, मोर्टार और इमारत बनाने की अन्य सामग्री में होता है।