भारत में ऑफिसों की जगह किराए पर लेने का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। सेविल्स इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी से मार्च के बीच यानी पहली तिमाही में ऑफिस के किराए में साल दर साल 20% की बढ़ोतरी देखने को मिली। इस तरह से पिछले 5 सालों में पहली तिमाही में सबसे ज्यादा ऑफिस की जगह किराए पर ली गई है।
सेविल्स इंडिया द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान कुल 16.7 मिलियन वर्ग फीट ऑफिस स्पेस की डिमांड रही। इस बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान बेंगलुरु का रहा, जहां 27% ऑफिस स्पेस किराए पर लिया गया। इसके बाद हैदराबाद (20%) और मुंबई (19%) का नंबर आता है।
बेंगलुरु में इंजीनियरिंग और विनिर्माण कंपनियां आगे
बेंगलुरु में, जो कभी टेक्नोलॉजी कंपनियों के ऑफिस खोलने के लिए जाना जाता था, वहां अब इंजीनियरिंग और विनिर्माण कंपनियां सबसे ज्यादा ऑफिस स्पेस किराए पर ले रही हैं। पहले टेक्नोलॉजी कंपनियां ही ऑफिस खोलने में सबसे आगे रहती थीं, लेकिन अब ये ट्रेंड बदल गया है।
हैदराबाद में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। वहां हेल्थकेयर और फार्मा कंपनियां 32 फीसदी हिस्सेदारी के साथ ऑफिस स्पेस किराए पर लेने में सबसे आगे हैं। इसके बाद टेक्नोलॉजी कंपनियां और वो कंपनियां आती हैं जो अपने कर्मचारियों को फ्लेक्जिबल ऑफिस की सुविधा देती हैं।
मुंबई में सारे सेक्टर्स को मिलाकर बात करें तो ज्यादा ऑफिस स्पेस किराए पर लेने वाली कंपनियां टेक्नोलॉजी क्षेत्र की ही हैं। उनकी हिस्सेदारी 26 फीसदी है। इसके बाद इंजीनियरिंग और विनिर्माण (18%) और बीएफएसआई (15%) का नंबर आता है। साथ ही फ्लेक्जिबल ऑफिसों की मांग भी बढ़ रही है, जिसका बाजार में 14 फीसदी का हिस्सा है।
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दिल्ली में फ्लेक्जिबल का चलन बढ़ा
दिल्ली-एनसीआर में ऑफिस स्पेस की मांग में दिलचस्प बदलाव देखने को मिल रहे हैं। पहले यहां सबसे ज्यादा ऑफिस स्पेस आईटी और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग (बीपीओ) कंपनियां किराए पर लेती थीं। लेकिन अब फ्लेक्जिबल ऑफिसों का चलन बढ़ रहा है और इस क्षेत्र की कंपनियां ऑफिस स्पेस किराए पर लेने में सबसे आगे हैं। कुल ऑफिस स्पेस का 35 फीसदी हिस्सा अब फ्लेक्जिबल दफ्तरों का है।
इसके अलावा एक और अहम जानकारी ये है कि नया बनने वाला ऑफिस स्पेस कम होता जा रहा है। पिछले तिमाही में बनने वाले ऑफिस स्पेस में 50 फीसदी की गिरावट आई है। सिर्फ मुंबई में ही नया बनने वाला ऑफिस स्पेस बढ़ा है।
2024 के लिए अनुमान लगाया जा रहा है कि कुल ऑफिस स्पेस किराए पर लेने का आंकड़ा 61 msf तक पहुंच जाएगा जो पिछले साल के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में टेक्नोलॉजी, बैंकिंग, विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों की कंपनियां ज्यादा से ज्यादा ऑफिस स्पेस किराए पर ले सकती हैं।