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एशिया प्रशांत क्षेत्र एक वैश्विक तकनीक प्रतिभा (ग्लोबल टेक टैलेंट) केंद्र के रूप में तेजी से प्रगति कर रहा है। इस क्षेत्र में भारत भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। टॉप-10 स्थानों में भारत का शहर भी शामिल है। इन स्थानों में चीन और जापान ने भी स्थान हासिल किया है। कॉलियर्स की एक नई रिपोर्ट, “ग्लोबल टेक मार्केट्स: टॉप टैलेंट लोकेशन्स 2025” में प्रतिभा अधिग्रहण, वेंचर कैपिटल (वीसी) फंडिंग, श्रम सूचकांक, प्रतिभा पाइपलाइन और क्षेत्र संरचना के आधार पर 200 से ज़्यादा वैश्विक बाजारों का विश्लेषण किया गया है। भारत और चीन वैश्विक टेक प्रतिभा परिदृश्य पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं और भारत एशिया प्रशांत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी तकनीकी प्रतिभा के लिए शीर्ष गंतव्यों में से एक है।
कॉलियर्स की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन वैश्विक तकनीकी प्रतिभा परिदृश्य पर अपना दबदबा बनाए हुए हैं और भारत एशिया प्रशांत के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर भी टेक प्रतिभा के लिए शीर्ष गंतव्यों में से एक है। भारत के बेंगलूरु ने 3.4 स्कोर के साथ टॉप-10 वैश्विक टेक प्रतिभा केंद्र में छठवां स्थान हासिल किया है। ऐशिया प्रशांत के इन टॉप-10 टेक प्रतिभा स्थानों में अमेरिका का सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र पहले, यूके का लंदन दूसरे, चीन का बीजिंग पांचवे और जापान का टोक्यो 10 वें स्थान पर हैं। कॉलियर्स में ऑफिस सर्विसेज के प्रबंध निदेशक अर्पित मेहरोत्रा ने कहा कि भारत टेक प्रतिभा का एक केंद्र है और वैश्विक नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी है। भारत के अग्रणी टेक शहरों में एशिया प्रशांत क्षेत्र की कुल टेक प्रतिभा का 69 फीसदी हिस्सा है। बेंगलूरु और हैदराबाद इस क्षेत्र के सबसे बड़े प्रतिभा समूहों की मेजबानी करते हैं।
कॉलियर्स की इस रिपोर्ट में कहा गया कि टेक क्षेत्र के व्यवसायी भारत के शीर्ष सात शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बने हुए हैं, जिससे पिछले वर्षों में पारंपरिक और फ्लेक्स स्पेस दोनों में ग्रेड ए स्पेस की मांग में तेजी आई है। 2025 की पहली छमाही के दौरान, टेक व्यवसायियों ने शीर्ष 7 शहरों में 1 करोड़ वर्ग फुट से अधिक ऑफिस स्पेस लीज पर लिए हैं। जिससे पारंपरिक स्थल की मांग में 40 फीसदी वृद्धि हुई। फ्लेक्स स्पेस में भी लगभग आधी मांग टेक फर्मों की ओर से आई। टेक क्षेत्र का प्रभुत्व भारत के गहन प्रतिभा पारिस्थितिकी तंत्र, स्थापित आईटी अवसंरचना और कम परिचालन व प्रतिभा लागत के कारण है, जो इसे वैश्विक टेक फर्मों के लिए एक आदर्श केंद्र बनाता है।
बेंगलूरु और हैदराबाद भारत में पसंदीदा टेक गंतव्य बने हुए हैं। इसके बाद अन्य प्रमुख बाजार हैं। ये सभी कुशल प्रतिभाओं की उपलब्धता और एक परिपक्व टेक पारिस्थितिकी तंत्र वाली वैश्विक टेक कंपनियों को आकर्षित करते हैं। कॉलियर्स इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक और अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा कि 2025 की पहली छमाही में टेक व्यवसायों ने कुल जीसीसी लीजिंग में 41 फीसदी यानी 52 लाख वर्ग फुट का योगदान दिया। दिलचस्प बात यह है कि बेंगलूरु, दिल्ली-एनसीआर और हैदराबाद ने सामूहिक रूप से इस मांग में 85 फीसदी से अधिक का योगदान दिया। जैसे-जैसे वैश्विक कंपनियां लगातार विस्तार और विकास कर रही हैं, टेक जीसीसी भारत में ऑफिस स्पेस की मांग को बढ़ाने के लिए तैयार हैं, जिसका प्रमुख कारण वैश्विक समकक्षों की तुलना में लागत अंतर है।
| 2021 | 2022 | 2023 | 2024 | H1 2025 | |
| Office gross leasing – Pan India (msf) | 33.0 | 50.3 | 58.2 | 67.2 | 33.7 |
| Office gross leasing – Conventional space (msf) | 28.2 | 43.3 | 49.5 | 54.5 | 27.2 |
| Office gross leasing – Flex spaces (msf) | 4.8 | 7.0 | 8.7 | 12.7 | 6.5 |
| Office gross leasing by Technology sector (conventional space) (msf) | 13.2 | 17.0 | 14.3 | 16.6 | 10.8 |
| Share of Technology in conventional leasing (%) | 47% | 39% | 29% | 30% | 40% |
Source: Colliers