उद्योग

AC, LED इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम के तहत Voltas और Lumax समेत 18 कंपनियों का चयन

ये कंपनियां एसी कंपोनेंट्स और एलईडी लाइट्स के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही हैं।

Published by
श्रेया नंदी   
Last Updated- January 20, 2025 | 7:37 PM IST

देश में एसी और एलईडी लाइट्स की दुनिया को नया आयाम देने के लिए सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत 3,516 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इस फैसले से न केवल घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बनाने की दिशा में भी मजबूत कदम उठाया जाएगा।

18 बड़ी कंपनियों को मिली मंजूरी

सरकार ने तीसरे चरण में 18 कंपनियों को इस योजना के तहत चुना है, जो 2,299 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इनमें वोल्टास, MIRC इलेक्ट्रॉनिक्स, और लुमैक्स इंडस्ट्रीज जैसी नामी कंपनियां शामिल हैं। ये कंपनियां एसी कंपोनेंट्स और एलईडी लाइट्स के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी कर रही हैं।

योजना में हिस्सा लेने वाली 6 अन्य कंपनियों को उच्च निवेश कैटेगरी में अपग्रेड किया गया है। ये कंपनियां अब 1,217 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करेंगी। हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, और ब्लू स्टार क्लाइमेटेक जैसी बड़ी कंपनियां इस लिस्ट में शामिल हैं।

योजना के जरिए क्या बदलेगा?

अब तक PLI योजना के तहत 84 कंपनियों ने हिस्सा लिया है। ये कंपनियां कुल 10,478 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी और इसके बदले 1,72,663 करोड़ रुपये का उत्पादन करेंगी। यह योजना भारत में एसी और एलईडी इंडस्ट्री के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार करने पर जोर देती है, जिससे देश पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा सप्लायर बन सके।

यह योजना अप्रैल 2021 में शुरू हुई और इसे 2028-29 तक लागू किया जाएगा।

पहला चरण: 2021 में लॉन्च हुआ।
दूसरा चरण: 2022 में आया।
तीसरा चरण: इंडस्ट्री की बढ़ती रुचि को देखते हुए अब शुरू किया गया है।

एक कंपनी ने छोड़ा मैदान

DPIIT के अनुसार, एक कंपनी ने योजना से हटने का फैसला किया है। हालांकि, बाकी कंपनियों की दिलचस्पी से सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई ताकत मिल रही है। कुल मिलाकर, यह निवेश न केवल भारत में एसी और एलईडी इंडस्ट्री को नई ऊंचाई पर ले जाएगा, बल्कि रोजगार और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी जबरदस्त सुधार लाएगा। भारत अब सिर्फ बड़ा बाजार नहीं रहेगा, बल्कि एक मजबूत सप्लायर और निर्माता के रूप में उभरेगा। अब देखना यह है कि ये कंपनियां मिलकर भारत को कितनी तेजी से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाती हैं।

First Published : January 20, 2025 | 7:37 PM IST