देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो को लग रहा है कि भारत सरकार से एयर इंडिया की खरीद को अंतिम रूप दिए जाने के बाद टाटा संस उसकी ऐसी प्रतिस्पर्धी बन जाएगी, जिसका सामना करना उसके लिए काफी मुश्किल भरा होगा। बजट एयरलाइंस के मुख्य कार्याधिकारी ने ये बातें कही।
टाटा के पास सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड के संयुक्त उद्यम विस्तारा में बहुलांश हिस्सेदारी है जबकि बजट एयरलाइंस एयरएशिया इंडिया में भी उसकी अहम हिस्सेदारी है।
बुधवार को सीएपीए के एक कार्यक्रम में इंडिगो के सीईओ रोनोजय दत्ता ने कहा, मैं उन्हें बड़ी प्रतिस्पर्धी मान रहा हूं, लेकिन मैं उनका स्वागत करता हूं। यह काफी संवेदनशील चीज है।
सरकार ने शुक्रवार को ऐलान किया था कि एयर इंडिया का नियंत्रण अब टाटा के पास होगा और इस तरह से वित्तीय रूप से मुश्किल मेंं फंसी विमानन कंपनी के निजीकरण का रास्ता साफ हो गया। दत्ता ने कहा, मुझे लगता है कि वे एयर इंडिया को आर्थिक तौर पर और जिम्मेदार बना देंगे। करदाताओं के पैसे से चलने वाली बड़ी कंपनी हमारे लिए उचित प्रतिस्पर्धी नहीं है।
इंडिगो के पास देसी बाजार के आधे से ज्यादा हिस्से का नियंत्रण है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परिचालन एयर इंडिया के मुकाबले काफी छोटा है। दत्ता ने कहा कि इंडिगो का ध्यान नैरो बॉडी विमान के जरिए भारत के भीतर सात घंटे की उड़ान पर रहा है, लेकिन एयर इंडिया लंबी दूरी की फुल सर्विस परिचालन पर केंद्रित थी, जहां दोनों के लिए बाजार में काफी गुंजाइश बचती थी।
देसी बाजार में किफायती विमानन सेवा आकाश एयर (अरबपति राकेश झुनझुनवाला समर्थित) अगले साल उड़ान शुरू कर सकती है। आकाश के सह-संस्थापकों में से एक आदित्य घोष ने इंडिगो में काफी समय बिताया है और शुरुआती कामयाबी का श्रेय उन्हें जाता है।