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एविएशन इंडस्ट्री के लिए भारत का नजरिया सही, ऊंचे करों से सतर्क रहने की जरूरत: IATA

आईएटीए की मुख्य अर्थशास्त्री मैरी ओवेन्स थॉमसन ने कहा कि वह एयरलाइन उद्योग में किसी भी प्रकार के एकाधिकार के पक्ष में नहीं हैं।

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भाषा   
Last Updated- June 11, 2023 | 2:21 PM IST

भारत के पास अच्छी आर्थिक वृद्धि और विशाल आबादी के साथ नागर विमानन क्षेत्र के लिए सही नजरिया और वक्त के मुताबिक रणनीति है। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आईएटीए) ने यह बात कही।

आईएटीए ने साथ ही जोड़ा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि बहुत अधिक करों के चलते सकारात्मक प्रभाव कम न हो। आईएटीए की मुख्य अर्थशास्त्री मैरी ओवेन्स थॉमसन ने कहा कि वह एयरलाइन उद्योग में किसी भी प्रकार के एकाधिकार के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ ही प्रतिभागियों के जुझारू होने पर जोर दिया।

उन्होंने तेजी से बढ़ते भारतीय एयरलाइन बाजार में एकाधिकार की संभावना पर पीटीआई-भाषा के एक सवाल पर कहा, ‘‘मैं एक अर्थशास्त्री हूं और जाहिर तौर पर, मैं किसी भी तरह के एकाधिकार के पक्ष में नहीं हूं। हम सामान्य अर्थशास्त्र में तेज प्रतिस्पर्धा देखना चाहते हैं, क्योंकि हमारा मानना है कि इससे अधिक नवाचार, सेवाएं और किफायती कीमत मिलेगी।’’

भारत में घरेलू हवाई यातायात बढ़ रहा है, जबकि एयरलाइन उद्योग को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गो फर्स्ट का परिचालन फिलहाल बंद है और स्पाइसजेट को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर इंडिगो और एयर इंडिया समूह अपनी उपस्थिति बढ़ा रहे हैं। एक साल से कम पुरानी आकाश एयर एक स्थिर पथ पर है।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के साथ ही मजबूती और जुझारू प्रतिभागी हों, यही हम चाहते हैं।” इस हफ्ते की शुरुआत में इस्तांबुल में आईएटीए विश्व हवाई परिवहन सम्मेलन के मौके पर एक साक्षात्कार में थॉमसन ने कहा कि हवाई परिवहन के लिए दो बुनियादी बातें – जीडीपी और जनसंख्या वृद्धि हैं, और दोनों मोर्चों पर भारत अच्छा कर रहा है।

First Published : June 11, 2023 | 2:21 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)