विनियमित इकाइयों की तरफ से एआईएफ निवेश के लिए नियमों पर आरबीआई की सख्ती के बाद इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस लिमिटड को नए नियमों से पड़ने वाले संभावित असर की खातिर करीब 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान करना पड़ सकता है।
इंडियाबुल्स हाउसिंग का एकीकृत आधार पर ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (एआईएफ) योजनाओं की सहायक इकाइयों में निवेश करीब 1,000 करोड़ रुपये का है। इसके मुताबिक, कंपनी कंपनी की टियर-1 पूंजी इतनी ही रकम से घटने की संभावना है, रेटिंग एजेंसी इक्रा ने ये बातें कही।
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों से 150-200 आधार अंकों के असर का अनुमान है। इस असर को समायोजित करने के बाद भी पूंजी की स्थिति सहज बनी रहेगी, यानी नियामकीय अनिवार्यता से ऊपर रहेगी क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी है। रेटिंग एजेंसी ने ये बातें कही। 30 सितंबर, 2023 को कंपनी का नेटवर्थ एकीकृत आधार पर 18,428 करोड़ रुपये रहा और पूंजी पर्याप्तता अनुपात 35.7 फीसदी था।
आरबीआई के नियम ऑल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड योजना पर लागू होंगे, (जिसमें आरई पहले से ही निवेशक है)।