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बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को क्विक कॉमर्स में चुनौती! बढ़ रही प्रतिस्पर्धा

एमेजॉन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को ​क्विक कॉमर्स में पहले से स्थापित ​ब्लिंकइट, ​स्विगी और जेप्टो जैसी कंपनियों से करना होगा मुकाबला

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पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- December 22, 2024 | 10:58 PM IST

एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स फर्में ​क्विक कॉमर्स कारोबार में व्यापक विस्तार करने की योजना बना रही हैं। मगर उन्हें जोमैटो की ​ब्लिंकइट, ​स्विगी इंस्टामार्ट और जेप्टो जैसी कंपनियों से कड़ी चुनौती मिल सकती हैं। असल में ये कंपनियां ​क्विक कॉमर्स में पहले से काफी पैठ बना चुकी हैं। ​क्विक कॉमर्स का मतलब ग्राहकों को ऑनलाइन ऑर्डर के बाद 10 से 30 मिनट में सामान की आपूर्ति करना है।

विश्लेषकों ने कहा कि एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां ​क्विक कॉमर्स में पैठ बनाने और ब्लिंकइट, ​स्विगी, इंस्टामार्ट और जेप्टो को टक्कर देने के लिए अगले 2 से 3 साल में कम से कम 1-1 अरब डॉलर का निवेश कर सकती हैं। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट ने इस साल अगस्त में ‘मिनट्स’ नाम से ​क्विक कॉमर्स के क्षेत्र में दस्तक दी है। एमेजॉन इंडिया जनवरी, 2025 में ‘तेज’ नाम से ​क्विक कॉमर्स कारोबार में उतरने की योजना बना रही है।

उपभोक्ता तकनीक केंद्रित बाजार शोध फर्म डेटम इंटेलिजेंस में परामर्शक सतीश मीणा ने कहा, ‘बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों को अगले 2 से 3 साल में ​​क्विक कॉमर्स में कम से कम 1-1 अरब डॉलर निवेश करना होगा। यदि कोई चाहे कि 2.5 करोड़ डॉलर का निवेश करके देखें कि चीजें कैसी रहती हैं तो वह काम नहीं करेगा।’

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उद्योग के सूत्रों के अनुसार फ्लिपकार्ट और एमेजॉन की किराना और घरेलू रोजमर्रा के सामान की कुल बिक्री में 15 से 20 मिनट में सामान की आपूर्ति करने वाली जेप्टो, इंस्टामार्ट और ​ब्लिंकइट जैसी कंपनियों ने बड़ा सेंध लगाया है। विश्लेषकों के अनुसार अब ये कंपनियां इले​क्ट्रॉनिक्स और फैशन सेगमेंट में भी ध्यान दे रही हैं। इस सेगमेंट में एमेजॉन और फ्लिपकार्ट का दबदबा रहा है।

मीणा ने कहा, ‘एमेजॉन और फ्लिपकार्ट की ​स्थिति एक जैसी है। ​क्विक कॉमर्स में देर से आना बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए चिंता का कारण है। ​पिछले कुछ तिमाही से ब्लिंकइट, जेप्टो और इंस्टामार्ट अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और उनकी सेवाएं भी अच्छी हैं। अब ये कंपनियां स्टार्टअप नहीं रह गई हैं। इन सभी ने कम से कम 1 अरब डॉलर का निवेश किया है तथा बाजार से और पूंजी जुटा सकती हैं। ऐसे में एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के लिए इस क्षेत्र में चुनौती बढ़ सकती है।’

ग्राहकों का खरीदारी का तरीका भी अब बदल गया है और किराना खरीदने के लिए वे ​क्विक कॉमर्स कंपनियों को तरजीह दे रहे हैं। हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक 66 फीसदी ग्राहकों ने कहा कि उन्होंने किराना दुकानों से खरीदारी कम कर दी है।

किराने की दुकानों में सेंध लगा रहीं क्विक कॉमर्स कंपनियां

डेटम इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक ​क्विक कॉमर्स का बाजार बढ़कर 40 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है जो 2024 में 6.1 अरब डॉलर है। विशेषज्ञों का कहना है कि ​क्विक कॉमर्स कंपनियां सीधे विनिर्माताओं से माल ले रही हैं और 10 से 15 फीसदी मार्जिन बचा रही हैं।

विशेषज्ञों ने कहा कि बिक्री बढ़ने के साथ ही वे एफएमसीजी कंपनियों से मोलभाव करने की भी स्थिति में होंगी। क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन राजस्व में भी इजाफा हो रहा है। इन सब वजहों से क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म मुनाफे का सौदा बनता दिख रहा है।

सितंबर में एमेजॉन इंडिया का जिम्मा संभालने वाले समीर कुमार ने हाल ही में कहा था कि कंपनी इस महीने बेंगलूरु में 15 मिनट डिलिवरी सेवा का परीक्षण शुरू करेगी। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के पास लॉजिस्टिक और गोदाम का व्यापक नेटवर्क है मगर इनमें से ज्यादातर शहर के बाहरी इलाके में हैं। ऐसे में उन्हें शहर में गोदाम बनाने होंगे जिससे वे 10 से 30 मिनट में ग्राहकों को सामान पहुंचा सकें।

विशेषज्ञों ने कहा कि ब्लिंकइट, स्विगी इंस्टामार्ट और जेप्टो को डार्क स्टोर से फायदा मिल रहा है जिससे वे तेज डिलिवरी के मामले में एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से आगे हैं। डार्क स्टोर क्विक कॉमर्स का अहम हिस्सा है। यह आम तौर पर छोटा गोदाम होता है जो घनी आबादी वाले इलाके में होता है जिससे कंपनियां ऑर्डर मिलते ही झट से सामान पहुंचने में सक्षम होती हैं।

जून में ब्लिंकइट के 639 डार्क स्टोर और छोटे गोदाम थे, जिनकी संख्या 30 सितंबर तक बढ़कर 701 हो गई। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष के अंत तक 1,000 डार्क स्टोर का नेटवर्क तैयार करने और 2026 के अंत तक उसकी संख्या बढ़ाकर 2,000 करने की योजना बनाई है। कंपनी छोटे-मझोले शहरों में भी विस्तार कर रही है। जुलाई-सितंबर तिमाही में ब्लिंकइट ने 6,000 करोड़ रुपये सकल मूल्य से ज्यादा की 9.29 करोड़ ऑर्डर की आपूर्ति की।

स्विगी इंस्टामार्ट का सकल ऑर्डर मूल्य सितंबर तिमाही में 24 फीसदी बढ़कर 3,382 करोड़ रुपये रही। इस तिमाही में कंपनी ने 12 शहरों में सेवाओं का विस्तार किया और 52 डार्क स्टोर खोले हैं। मार्च 2025 तक कंपनी ने डार्क स्टोर की संख्या बढ़ाकर दोगुनी करने की योजना बनाई है।

स्विगी के एमडी और ग्रुप सीईओ श्रीहर्ष मजेटी ने हाल ही में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘यह हमें अपना परिवर्तन पूरा करने में मदद करेगा। हमने अपनी यात्रा के पहले कुछ वर्षों में किराने पर ध्यान दिया मगर अब क्विक कॉमर्स में अन्य सेगमेंट भी जोड़ रहे हैं।’

मार्च 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में जेप्टो की परिचालन आय दोगुना से अधिक बढ़कर 4,454 करोड़ रुपये हो गया। किराना की खरीदारी के लिए ग्राहकों का बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों से क्विक कॉमर्स पर आने की वजह से कंपनी की आय बढ़ी है। कंपनी मार्च 2025 तक अपने डार्क स्टोर की संख्या बढ़ाकर दोगुना करने की योजना बनाई है। जेप्टो के सह-संस्थापक और सीईओ आदित पालीचा ने कहा कि अगले कुछ महीनों में जेप्टो की सालाना बिक्री 3 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।

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First Published : December 22, 2024 | 10:08 PM IST