भारत में हाइब्रिड कार बनाने वाली प्रमुख कंपनियों मारुति सुजूकी इंडिया, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर और होंडा कार्स इंडिया ने उत्तर प्रदेश सरकार को सूचित किया है कि उनकी मजबूत हाइब्रिड कारें राज्य की नीति में वर्णित प्रदर्शन व दक्षता के सभी मानक पूरी करती है, ऐसे में वे 5 जुलाई के आदेश के तहत पंजीकरण शुल्क में माफी की पात्र हैं।
11 जुलाई को उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग के साथ बैठक के दौरान तीनों कार निर्माताओं ने यह भी कहा कि मजबूत हाइब्रिड कारों की बिक्री में इजाफा पेट्रोल व डीजल कारों की कीमत पर होगा और यह इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि को प्रभावित नहीं करेगा। सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
पूरा मामला 5 जुलाई को शुरू हुआ जब उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किया कि मजबूत हाइब्रिड करों पर 8 से 10 फीसदी पंजीकरण शुल्क माफ किया जाएगा। टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा जैसी कंपनियों (जो इलेक्ट्रिक कार बनाती है, न कि मजबूत हाइब्रिड कारें) ने इस कदम का विरोध किया है क्योंकि उनका मानना है कि मजबूत हाइब्रिड कारों की बिक्री में इजाफे के लिए दिया जाने वाला कोई प्रोत्साहन इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री को प्रभावित करेगा।
इसके परिणामस्वरूप 9 जुलाई को सरकार ने नोटिस जारी किया और कार कंपययों से कहा कि अगदर वे पंजीकरण शुल्क माफी का फायदा उठाना चाहते हैं तो उन्हें राज्य सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग ऐंड मोबिलिटी पॉलिसी (ईवीएमपीपी) 2022 में तय तकनीकी विशिष्टताओं का अनुपालन करना होगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी। नोटिस में 11 जुलाई को कार निर्माताओं को बैठक के लिए भी बुलाया गया था।
ईवीएमपीपी 2022 के मुताबिक, सिर्फ मजबूत हाइब्रिड कारें ही केंद्र सरकार की फेम-2 योजना में वर्णित प्रदर्शन व दक्षता की विशिष्टताएं पूरी करती हैं और वे ही कर माफी की पात्र हैं। राज्य सरकार की नीति 28 मार्च, 2019 को जारी फेम-2 अधिसूचना को संदर्भित करता है, जिसमें हाइब्रिड कारों के लिए प्रदर्शन की पात्रता के मानक हैं। फेम-2 योजना इस साल 31 मार्च को एक्सपायर हो गई।
11 जुलाई की बैठक के दौरान मारुति, टोयोटा किर्लोस्कर और होंडा कार्स ने राज्य सरकार को सूचित किया कि उनकी मजबूत हाइब्रिड कारें फेम-2 योजना में वर्णित मानकों को पूरा करती है और इस तरह से ईवीएमपीपी 2022 के तहत उनकी कारें पंजीकरण शुल्क माफी की पात्र हैं। तीनों कंपनियों ने अपना पक्ष मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों के पास जरूरी दस्तावेज जमा कराए हैं। इस बारे में पूछे जाने पर मारुति सुजूकी, टोयोटा किर्लोस्कर, होंडा कार्स, टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड के सवालों पर कोई टिप्पणी
नहीं की।