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Girnar के अ​धिग्रहण की दौड़ में HUL, Tata Consumer

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शार्लीन डिसूजा, समी मोडक
Last Updated- December 15, 2022 | 11:46 PM IST

दिग्गज उपभोक्ता कंपनियां हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL), टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स (Tata Consumer Products) और डाबर इंडिया (Dabur India) गुजरात की चाय कंपनी गिरनार फूड ऐंड बेवरिजेज (Girnar Food & Beverages) को खरीदने की दौड़ में है। यह सौदा 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये के उद्यम मूल्य पर हो सकता है। घटनाक्रम के जानकार दो सूत्रों ने कहा कि अभी बातचीत शुरुआती चरण में है।

HUL और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का चाय बजार में है प्रभुत्व

HUL और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का देश के चाय बाजार में प्रभुत्व है और इनकी बाजार हिस्सेदारी भी अच्छी-खासी है। डाबर हाल ही में इस कारोबार में उतरी है। कंपनी ने बाजार में डाबर वैदिक टी उतारकर प्रीमियम चाय बाजार में दस्तक दी है।
टाटा ग्लोबल बेवरिजेज को पहले टाटा टी (Tata Tea) के नाम से जाना जाता था। 2019 में टाटा ग्लोबल बेवरिजेज का टाटा केमिकल्स के कंज्यूमर कारोबार के साथ विलय कर टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स नाम से नई इकाई बनाई गई थी। इसने हाल ही में धनसेरी टी ऐंड इंस्ट्रीज के ब्रांडेड चाय कारोबार का 101 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है।

किसी भी कंपनी ने सौदे पर बातचीत चलने की पु​ष्टि नहीं की

गिरनार फूड ऐंड बेवरिजेज के कार्यकारी निदेशक विद्युत शाह ने कहा कि कंपनी की नीति के तहत वह अटकलों पर कोई टिप्पणी या प्रतिक्रिया नहीं देते हैं। उन्होंने कहा, ‘हमारे परिवार के स्वामित्व वाला कारोबार है और कारोबार के विकास के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, जैसा हमने पिछले दशकों में किया है। पीई फंड जुटाने सहित शेयरधारक मूल्य सृजन के विभिन्न तरीकों का मूल्यांकन करने के लिए निवेश बैंकर समय-समय पर हमसे संपर्क करते हैं, लेकिन किसी भी निवेशक के साथ कोई बातचीत नहीं चल रही है।’

एचयूएल और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने भी बाजार की अटकलों पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। डाबर ने ईमेल में कहा, ‘यह सच नहीं है। गिरनार को खरीदने में हमने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और न ही इस तरह की कोई चर्चा की है।’
मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि इस अधिग्रहण से पश्चिम भारत के बाजार में खरीदारों की पकड़ मजबूत होगी।

1987 में शुरु हुई थी गिरनार फूड ऐंड बेवरिजेज

शाह और भंसाली परिवारों द्वारा गिरनार फूड ऐंड बेवरिजेज की शुरुआत 1987 में की गई थी। इक्रा के अनुसार दोनों परिवारों की कंपनी में बराबर की हिस्सेदारी है और सभी प्रमुख कामकाज में दोनों की सक्रिय भागीदारी है। इक्रा की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गिरनार फूड ऐंड बेवरिजेज की महाराष्ट्र खास तौर पर मुंबई में अच्छी मौजूदगी है। उसकी घरेलू बाजार की ज्यादातर बिक्री इसी बाजार से आती है।

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रूस में गिरनार फूड ऐंड बेवरिजेज की है अच्छी पैठ

कंपनी पर इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘गुजरात, दिल्ली, कर्नाटक, जम्मू कश्मीर, तेलंगाना और राजस्थान आदि राज्यों में इसकी सीमित मौजूदगी है। कंपनी की कुल आय में घरेलू बिक्री की हिस्सेदारी 40 से 45 फीसदी है जबकि बाकी आय निर्यात से होती है। विदेशी बाजार में कंपनी थोक चाय का कारोबार करती है और रूस में इसकी अच्छी पैठ है। कंपनी के कुल निर्यात में रूसी बाजार की हिस्सेदारी करीब 80 से 90 फीसदी है।’ ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में गिरनार फूड ऐंड बेवरिजेज की आय 380.8 करोड़ रुपये और मुनाफा 22.8 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2020 में कंपनी की आय 325.2 करोड़ रुपये और मुनाफा 13.52 करोड़ रुपये था।

First Published : December 15, 2022 | 11:43 PM IST