HUL Q2 Results 2025: देश की प्रमुख एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.4 फीसदी घटकर 2,591 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान मात्रा के लिहाज से कंपनी की बिक्री 3 फीसदी बढ़ी है। हालांकि कंपनी के नतीजे विश्लेषकों के अनुमान के अनुरूप रहे। कंपनी ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में शहरी क्षेत्र में धीमी वृद्धि देखी गई और ग्रामीण क्षेत्र में धीरे-धीरे सुधार दिख रहा है।
एचयूएल ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान पुराने मुकदमे के समाधान से एकमुश्त अप्रत्यक्ष कर क्रेडिट मिला, जिससे सौंदर्य एवं सेहत खंड की बिक्री और मुनाफे में फायदा हुआ। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में कंपनी की आय इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 1.9 फीसदी बढ़कर 15,926 करोड़ रुपये रही।
वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही की तुलना में दूसरी तिमाही में आय 1.4 फीसदी बढ़ी है मगर शुद्ध मुनाफा 0.7 फीसदी घटा है। एचयूएल के एमडी एवं सीईओ रोहित जावा ने कहा, ‘सितंबर तिमाही में शहरी क्षेत्रों में एफएमसीजी उत्पादों की मांग में कम बढ़ी जबकि ग्रामीण बाजारों में धीरे-धीरे सुधार दिख रहा है। मौजूदा हालात में भी हमने प्रतिस्पर्धी और मुनाफेदार प्रदर्शन किया है।’
एचयूएल के एमडी एवं सीईओ रोहित जावा ने कहा, ‘हमने मजबूत एबिटा मार्जिन और नकदी प्रवाह के साथ शेयरधारकों को आकर्षक रिटर्न दिया है और अपने पोर्टफोलियो में बदलाव लाने की अपनी रणनीतिक प्राथमिकताओं पर अमल करना जारी रखा।’
नतीजे जारी करने वाली अन्य एफएमसीजी कंपनियों ने भी शहरी बाजारों में नरमी के संकेत दिए हैं। महानगरों और बड़े शहरों के सुपरमार्केट और हाइपरमार्केट श्रृंखला चलाने वाली कंपनियों की भी वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में आय में घटी है।
एचयूएल के मुख्य वित्त अधिकारी रितेश तिवारी ने कहा, ‘लंबे समय तक जिंसों के दाम नरम रहने के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में क्रूड तेल के दाम 10 फीसदी और पाम तेल की कीमत 25 फीसदी बढ़ी है।’ उन्होंने कहा कि अगर जिंसों के दाम इसी स्तर पर बने रहे तो निकट अवधि में कंपनी को अपने उत्पादों के दाम थोड़े बढ़ाने पड़ेंगे।
जावा ने कहा कि ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ रही है और पिछली कुछ तिमाहियों से यह शहरी बाजारों में वृद्धि से आगे निकल गया है। उन्होंने कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में तेजी से विकास हो रहा है मगर इसमें कोई अप्रत्याशित बदलाव नहीं हुआ है। अनुकूल मौसम, अच्छा मॉनसून और खरीफ की पैदावार बेहतर रहने से ग्रामीण बाजारों में मांग बढ़ रही है।’