भारत में कारोबार को लेकर आश्वस्त है हुआवे

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:42 AM IST

बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिग्गज हुआवे ने कहा कि भारत में 5जी या अन्य दूरसंचार सेवाओं से चीन की कंपनियों को बाहर रखने के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में हुआवे इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी डेविड ली ने कहा, ‘हमें पूरा यकीन है कि हम 5जी का हिस्सा होंगे।’ मौजूदा भू-राजनीतिक हालात में चीन की इस कंपनी को कई जगहों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि हुआवे को भरोसा है कि वह भारत के दूरसंचार सफर में अपनी भागीदारी जारी रखेगी। कंपनी ने कहा कि वह 20 साल से देश में काम कर रही है।
ली ने कहा, ‘कोई स्पष्ट संवाद नहीं हुआ है और न ही आधिकारिक प्रतिबंध के बारे में कुछ कहा गया है।’ सबको समान मौका देने पर उन्होंने कहा कि हुआवे न केवल कम लागत पर उत्पाद एवं सेवाएं मुहैया कराती है बल्कि हाईटेक क्षेत्र की वैश्विक दिग्गज भी है। हुआवे आगामी 5जी में अहम भूमिका निभाने के प्रति आश्वस्त है। ली का कहना है कि अनुपालन, मूल्य सृजन और स्थानीय भागीदारी का उसका रिकॉर्ड अच्छा रहा है।
लद्दाख सीमा पर तनाव के मद्देनजर पिछले महीने केंद्र सरकार ने भारतीय दूरसंचार क्षेत्र के लिए सुरक्षा निर्देश जारी किए थे। इस निर्देश में किसी देश का नाम नहीं था लेकिन दूरसंचार उपकरणों एवं नेटवर्क की जांच को अनिवार्य किया गया है, वहीं सरकार की ओर से विश्वस्त स्रोतों और उत्पादों की सूची देने की बात कही गई थी। दूरसंचार कंपनियों के लाइसेंस की शर्तों में भी संशोधन की उम्मीद है।
ली ने कहा कि 2020 में कोविड-19, लॉकडाउन और भू-राजनीतिक मसलों की वजह से कारोबार में अनिश्चितता रही। उन्होंने दुनिया भर में 5जी, शोध एवं विकास तथा पेटेंट आदि में कंपनी की प्रगति का उल्लेख करते हुए कहा, ‘2020 काफी चुनौती भरा रहा लेकिन हमने अपने लक्ष्य हासिल किए।’ भारत में कारोबार के बारे में कंपनी ने कहा कि कुछ विभागों में कर्मचारियों का समायोजन किया गया है लेकिन कर्मचारियों की संख्या घटाई नहीं गई है। देश में कंपनी के 6,000 कर्मचारी हैं, जिनमें 95 फीसदी भारतीय हैं।
ली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मेड इन इंडिया तथा आत्मनिर्भर भारत योजना की प्रशंसा की। लेकिन आत्मनिर्भर भारत से हुआवे जैसी चीन की कंपनियों को नुकसान नहीं होगा, पूछने पर ली ने कहा, ‘हर देश को अपनी अर्थव्यवस्था का विकास करने का अधिकार है। मेड इन इंडिया को विशिष्ट तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए… इसे समावेशी मानना चाहिए, जो वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है।’ हुआवे के अनुसार कंपनी की भारत को लेकर दीर्घावधि की प्रतिबद्घता है। विभिन्न पेचीदा मसलों पर सरकार के साथ संवाद पर ली ने कहा, ‘जब कभी मौका मिलता है, हम अपना पक्ष रखते हैं। हम मूल्य सृजन करते हैं और नियमों का अनुपालन करते हुए देश में बड़ा योगदान दे रहे हैं।’ ली ने कहा कि दूरसंचार उद्योग काफी तेजी से विकसित हुआ है और 4जी का प्रसार सबसे तेजी से हुआ है। 5जी नीलामी को लेकर अनिश्चितता है लेकिन हम हितधारकों के संपर्क में हैं।

First Published : January 15, 2021 | 10:47 PM IST