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तिमाही में MTNL के प्रस्ताव पर कुछ स्पष्टता की आस: यूको बैंक के CEO अश्विनी कुमार

यूको बैंक क्यूआईपी के जरिए 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना

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हर्ष कुमार   
Last Updated- October 25, 2024 | 9:54 PM IST

यूको बैंक मौजूदा दिसंबर तिमाही में न्यूनतम सार्वजनिक शेयरहोल्डिंग (एमपीएस) के मानदंडों को पूरा करने के लिए पात्र संस्थागत प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के जरिये 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। यूको बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी अश्विनी कुमार ने हर्ष कुमार को फोन पर दिए साक्षात्कार में बताया कि यह सरकारी बैंक चालू खाता बचत खाता (कासा) अनुपात को कायम रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और कासा अनुपात बीती चार से पांच तिमाहियों में करीब 38 फीसदी से अधिक रहा है। प्रमुख अंश…

अपने ऋण-जमा अनुपात को लेकर आपका क्या अनुमान है?

हमारे बैंक का सीडी (ऋण-जमा) अनुपात वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में उधारी वृद्धि के कारण खासतौर पर बढ़ा है। इसकी तुलना में जमा वृद्धि कुछ कम रही है। जब जमा वृद्धि कम हो जाती है तो उच्च ऋण वृद्धि स्वाभाविक रूप से सीडी अनुपात में सुधार की ओर ले जाती है।

हमारा एक साल पहले सीडी अनुपात 67.25 फीसदी था और अब यह 71.77 फीसदी पर पहुंच गया है। यह सुधार काफी हद तक ऋण वृद्धि का परिणाम है। जहां तक जमा वृद्धि की बात है तो बीती तीन से चार तिमाहियों में रुख इस तरह का रहा : सितंबर 2023 में जमा वृद्धि केवल छह फीसदी थी और इसके अनुरूप सीडी अनुपात 67 फीसदी रहा। इस अवधि में हमें तत्काल धन की कोई जरूरत नहीं थी।

अभी तक यूको बैंक कुल कितनी वसूली कर पाया है?

यूको बैंक ने जुलाई-सितंबर की तिमाही में समाधान और परिसमापन से संयुक्त रूप से 414 करोड़ रुपये की वसूली की थी। इस अवधि में समाधान की प्रक्रिया के जरिये 393 करोड़ रुपये जुटाए गए और यह बीते साल के 82 करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है। यह जून तिमाही में 34 करोड़ रुपये था। कॉरपोरेट क्षेत्र से पहली सबसे बड़ी वसूली ऊर्जा क्षेत्र से की गई थी।

यूको बैंक पहले की घटनाओं से सीख लेते हुए डिजिटल आधारभूत ढांचे को बेहतर करने के लिए क्या कर रहा है?

हमने अपने डिजिटल आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने के कार्य में महत्त्वपूर्ण सुधार देखा है। हमारे आईटी और सुरक्षा पर खर्च की बात की जाए तो हमने वित्त वर्ष 2024-25 में आईटी खर्च के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है। इसमें डिजिटल आधारभूत ढांचे, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर पर निवेश शामिल हैं।

हमने अभी तक 350 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं। हम अपने संचालन की दक्षता बढ़ाने के लिए नेटवर्क ऑपरेशंस सेंटर (एनओसी) स्थापित किया है। हम वर्चुअल मशीन एनवायरनमेंट और एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के गेटवे की सुविधा स्थापित कर रहे हैं और इस सुविधा के जरिये हम कॉरपोरेट ग्राहकों के साथ एकीकरण बढ़ा पाएंगे।

एमटीएनएल में फंसे कर्ज की क्या स्थिति है?

हम एमटीएनएल के मामले में जॉइंट लेंडर फोरम के साथ कार्य कर रहे हैं। हमारा बैंक भी इस फोरम का सदस्य है। समाधान के लिए कई विकल्पों पर चर्चा हुई है लेकिन अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है। शायद इस समाधान को हासिल करने में कुछ और समय लग सकता है लेकिन हमें उम्मीद है कि इस तिमाही में कुछ स्पष्टता आए। इस पहल का नेतृत्व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि वे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

First Published : October 25, 2024 | 9:54 PM IST