महामारी के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में आई दो साल की मंदी के बाद साल 2022 में आशा की कुछ किरण दिखाई दी। इस उद्योग के खंड कोविड के प्रभावों से उबर रहे हैं। यह क्षेत्र सालाना आधार पर भी बेहतर वृद्धि दर्ज कर रहा है। उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार कैलेंडर साल 2023 में बढ़ोतरी का रुझान कायम रहेगा। एक समय आवास बाजार पर मुद्रास्फीति, बढ़ती मॉर्गेज दरों और बिल्डिंग की कम आपूर्ति का प्रतिकूल असर पड़ा था। हालांकि अब यह क्षेत्र तेजी से उबर रहा है।
नारेडको के अध्यक्ष राजन बांदेलकर के अनुसार अभी कोविड के बाद के दौर में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 51 फीसदी बढ़ चुकी है। महामारी के दौरान रिमोट और हाइब्रिड तरीके से कार्य करने का प्रचलन बढ़ा। लिहाजा लोग अपनी तंदुरुस्ती के लिए बड़े मकान, मूल्यवर्धित सेवाओं के साथ पर्याप्त स्थान और सुविधाओं की ओर अधिक ध्यान देने लगे हैं।
महिंद्रा लाइफस्पेसेज के चीफ सेल्स ऐंड सर्विस ऑफिसर विमलेंद्र सिंह के अनुसार, ‘महामारी के कारण रियल एस्टेट को स्थायी निवेश के विकल्प के रूप में देखा गया। इस रुझान के कारण बीते एक साल में उद्योग का प्रदर्शन भी बेहतर हुआ।’ साल 2023 में मांग और आपूर्ति का समीकरण लचीला रहने की संभावना है। सिंह के अनुसार ब्याज दरों में एक और वृद्धि की उम्मीद के बीच बाजार के सकारात्मक रहने की उम्मीद है। बाजार ने बीते साल भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी।
वाधवा समूह के महाप्रबंधक नवीन मखीजा ने 2022 में उद्योग के प्रदर्शन पर कहा कि उपभोक्ता रुझान बेहतर होने के कारण बीती कुछ तिमाहियों के दौरान मांग तेजी से बढ़ी थी। उद्योग के विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार इस उद्योग के लिए बढ़ावा देने वाले कदमों की घोषणा करेगी। जैसे सार्वजनिक खर्च बढ़ाने में मदद के लिए कर रियायत और लेनदेन की लागत कम करना। डेवलपरों को हालिया परियोजनाएं पूरी करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मखीजा के अनुसार बिक्री तब बढ़ेगी जब खरीदार परियोजना को पूरी होने के चरण में देखेगा। इससे अच्छे डेवलपरों के लिए मांग जारी रहेगी। रेडी-टू-मूव इकाइयों की मांग भी बढ़ेगी।
सिग्नेचर ग्लोबल के चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने स्वामी योजना जैसी सरकार की पहल पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसके तहत रुकी हुई आवासीय परियोजनाएं पूरी करने के लिए कोष मुहैया कराया गया। इस पहल के कारण किफायती आवास मुहैया कराने वालों को प्रोत्साहन मिला और यह क्षेत्र आने वाले साल में तेजी से बढ़ेगा। अग्रवाल के मुताबिक आने वाले कुछ वर्षों के दौरान किफायती आवास वित्त में मॉर्गेज दायरा 8 से 10 फीसदी की दर से बढ़ेगा।
रियल एस्टेट के सभी खंड – आवास, कार्यालय, खुदरा, वेयरहाउसिंग, डेटा सेंटर, को-वर्किंग और को-लिविंग ने बेहतर प्रदर्शन किया। हाउसिंग.कॉम, प्रॉपटाइगर.कॉम और मकान.कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल के मुताबिक आवासीय बिक्री कोविड से पूर्व के स्तर के पार जाने को तैयार है और यह अपने सबसे ऊंचे स्तर पर जा सकती है। पूरे रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए लंबे अरसे के बाद 2022 अच्छा साल रहा था। बीते 5- 6 सालों में नोटबंदी, रेरा व जीएसटी लागू होने, एनबीएफसी संकट और कोविड 19 महामारी के कारण व्यवधान उत्पन्न हुआ था।
भूराजनीतिक चुनौतियों उत्पन्न होने के बावजूद व्यावसायिक खंड में सालाना आधार पर पट्टे में वृद्धि की उम्मीद है। नाइट फ्रैंक के अनुसार कार्यालय क्षेत्र में बढ़ोतरी की उम्मीद दिखाई दे रही है। इसका कारण यह है कि उद्योग जगत अपने स्टॉफ को ऑफिस आकर काम करने की हिदायत दे रहा है और कर्मचारियों की नियुक्ति बढ़ने की उम्मीद है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल के अनुसार,’आवासीय मार्केट ने 2022 में जोरदार ढंग से वापसी की है।
बीते 18 महीनों से आवास के स्वामित्व का रुझान बढ़ा है जबकि पूरे साल के दौरान आवासीय ऋण में 225 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई।’ बैजल के अनुसार मार्केट में मजबूती के संकेत आ रहे हैं और यह आने वाले सालों में बढ़ने की उम्मीद है। किफायती और अधिक महंगे आवास की मांग बढ़ने के कारण यह रुझान अगले साल भी जारी रहेगा।
हालांकि एनारॉक उपभोक्ता रुझान सर्वेक्षण 2023 ने इंगित किया है कि यदि आवास ऋण की ब्याज दर 9.5 फीसदी से अधिक होती है तो आवास की मांग में तेजी से गिरावट आ सकती है। एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी के अनुसार,’आवासीय क्षेत्र में उत्साहभरा माहौल रहा। हालिया बिक्री का दौर 2023 की पहली तिमाही तक कम से कम जारी रहेगा। लिहाजा आवास के मालिकाना हक की इच्छा के अलावा अन्य कारक जैसे रीपो दर की बढ़ोतरी और संपत्ति के दाम बढ़ने जिम्मेवार रहेंगे। साल 2022 में रीपो रेट की दर में 225 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई और आवास ऋण की ब्याज दरें भी निरंतर बढ़ती रहीं।’ पुरी के अनुसार हालिया सालों में रियल्टी सेक्टर तेजी से बढ़ा और आने वाले सालों में भी यह रुझान बढ़ता रहेगा।
सनटेक रियल्टी के चेयरमैन ऐंड प्रबंध निदेशक कमल ने कहा,’भारत का रियल एस्टेट मार्केट 2023 तक 13 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। इसके 2030 तक 1 लाख करोड़ डॉलर के स्तर को छूने का अनुमान है। यह क्षेत्र रोजगार के कई अवसर सृजित करेगा।’ खेतान ने कहा कि आवासीय मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और यह पूरी तरह से रियल एस्टेट बाजार को मदद कर रहा है। यह क्षेत्र तेजी से बढ़ने को तैयार है।
बैजल ने कहा,’डिजिटल अर्थव्यवस्था में वृद्धि के कारण ई-कॉमर्स के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। हमें उम्मीद है कि वेयरहाउस की मांग शीर्ष महानगरों, टियर-2 और टियर-3 मार्केट में तेजी से बढ़ेगी। नए साल में यह शुरुआती रुझान दिख सकते हैं और इन-सिटी वेयरहाउस को महत्त्व मिलेगा।’
उद्योग के विशेषज्ञों के अनुसार भूराजनीतिक स्थितियों का भारत के रियल एस्टेट खंड पर असर पड़ रहा है और इससे साल 2023 में कुछ चुनौतियां भी खड़ी हो सकती हैं। लेकिन कुछ सकारात्मक परिणाम भी उजागर हो रहे हैं। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि पूर्वी यूरोप का युद्ध शीघ्र खत्म हो सकता है। साल 2023 के मध्य में मुद्रास्फीति में गिरावट का दौर शुरू हो सकता है और तेल के दाम भी स्थिर हो सकते हैं। रियल एस्टेट बाजार का विस्तार संपूर्ण आर्थिक स्थिति और आगामी केंद्रीय बजट में सरकार के प्रयासों और नीतियों से तय होगा।