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25 साल में पहली बार कर्ज के जाल में फंसी हिंदुस्तान जिंक

Published by
कृष्ण कांत
Last Updated- April 28, 2023 | 10:07 PM IST

वेदांत समूह की कंपनी वेदांत रिसोर्सेज की बैलेंस शीट में भले ही सुधार आ रहा हो, लेकिन हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) जैसी उसकी मुख्य परिचालन कंपनियों पर दबाव बढ़ रहा है। एचजेडएल 20 साल से भी ज्यादा समय के बाद कर्ज-मुक्त कंपनी से वित्त वर्ष 2023 में कर्ज-ग्रस्त (शुद्ध आधार पर) हो गई है।

धातु उत्पादक ने पिछले वित्त वर्ष विशेष लाभांश के जरिये अपना संचित नकदी भंडार खर्च कर दिया और उसे अपनी पूंजीगत खर्च योजनाओं के वित्त पोषण के लिए अतिरिक्त कर्ज लेने के ​लिए मजबूर होना पड़ा।

देश की प्रमुख जस्ता और चांदी उत्पादक पर वित्त वर्ष 2023 के अंत तक 1,780 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज था। 1998-99 के बाद से यह पहली बार है जब कंपनी ने अपने बहीखाते पर शुद्ध कर्ज दर्ज किया है। हाल में वेदांत रिसोर्सेज ने कहा था कि उसने अपना पूरा कर्ज अप्रैल में 1 अरब डॉलर या करीब 8,200 करोड़ रुपये तक घटाया है।

एचजेडएल ने वित्त वर्ष 2023 में अपने शेयरधारकों को 31,901 करोड़ रुपये का इ​क्विटी लाभांश चुकाया। वहीं वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 7,605 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2023 में लाभांश भुगतान उसके 10,511 करोड़ रुपये के सालाना शुद्ध लाभ की तुलना में तीन गुना ज्यादा था।

कंपनी का शुद्ध लाभ जहां वित्त वर्ष 2022 में 9,629 करोड़ रुपये था, वहीं वित्त वर्ष 2023 में यह सालाना आधार पर 9.2 प्रतिशत तक बढ़ा। कंपनी की नकदी और बैंक बैलेंस में कमी आई तथा उसने लाभांश भुगतान के लिए बॉन्ड और म्युचुअल फंडों में अपना निवेश बेचा। एचजेडएल वित्त वर्ष 2022 के अंत तक 20,665 करोड़ रुपये मूल्य की नकदी और अन्य निवेश से जुड़ी हुई थी।

इस इ​क्विटी लाभांश का करीब दो-तिहाई 20,700 करोड़ रुपये वेदांत लिमिटेड की झोली में गया था, जो एचजेडएल की प्रवर्तक है। एचजेडएल में वेदांत की 6.92 प्रतिशत और भारत सरकार की 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

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वेदांत ने एचजेडएल से लाभांश आय और कुछ अन्य रा​शि का अपने शेयरधारकों (उसकी प्रवर्तक वेदांत रिसोर्सेज समेत) को भुगतान करने में इस्तेमाल किया। वेदांत रिसोर्सेज ने इस रा​शि का इस्तेमाल बड़ा कर्ज निपटाने और अपनी बैलेंस शीट मजबूत बनाने में किया। इस सप्ताह के शुरू में, वेदांत रिसोर्सेज ने घोषणा की थी कि उसने अपने सभी पूरे हो रहे ऋणों और अप्रैल में देय बॉन्डों का भुगतान कर दिया है तथा सकल ऋण में 1 अरब डॉलर की कमी की है।

कंपनी ने फरवरी 2022 के बाद से 3 अरब डॉलर तक का कर्ज घटाने का दावा किया है। वह तीन साल के अंदर कर्ज में 4 अरब डॉलर तक की कमी लाना चाहती है। वेदांत ने वित्त वर्ष 2023 में 30,109 करोड़ रुपये का इ​क्विटी लाभांश चुकाया, जो वित्त वर्ष 2022 में चुकाई गई 16,740 करोड़ रुपये की रा​शि के मुकाबले करीब 80 प्रतिशत ज्यादा है।

First Published : April 28, 2023 | 8:38 PM IST