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इधर गेमिंग कंपनियां लागू कर रही जियोफेंसिंग व्यवस्था, उधर तमिलनाडु ने गेमिंग पर लगा दिया टोटल बैन !

उद्योग के भागीदार अब इस फैसले को अदालत में चुनौती देने पर भी विचार कर रहे हैं।

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सौरभ लेले, आर्यमान गुप्ता
Last Updated- April 13, 2023 | 9:59 PM IST

रमी (rummy) और पोकर (poker) जैसे ऑनलाइन ‘स्किल्ड गेम’ पर नियामकीय अस्पष्टता अभी खत्म नहीं हुई है। ऐसे गेम पर सोमवार को तमिलनाडु के पूर्ण प्रतिबंध ने कई गेम डेवलपरों का परिचालन बाधित कर दिया, जो अब जियोफेंसिंग व्यवस्था लागू कर रहे हैं। यहां तक कि उद्योग के भागीदार अब इस फैसले को अदालत में चुनौती देने पर भी विचार कर रहे हैं।

पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग के लिए नए नियम अधिसूचित किए थे, जिसमें ‘अनुमति वाले’ रियल-मनी ऑनलाइन गेम को प्रमाणित करने के लिए कई स्व-नियामकीय निकाय (एसआरबी) बनाने का प्रावधान है।

ये नियम प्लेटफॉर्म पर कुछ उपयोगकर्ता सुरक्षा दायित्वों के साथ ऑनलाइन गेम को मौद्रिक जमा के साथ परिचालन करने की अनुमति प्रदान करेंगे। हालांकि अगले दो दिनों के भीतर तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि ने राज्य के लंबे समय से लंबित पड़े ऑनलाइन जुआ निषेध और ऑनलाइन गेम विधेयक के नियमन को मंजूरी दे दी, जिसमें रमी और पोकर जैसे गेम पर आपराधिक दंड निर्धारित किया जा रहा है।

सोशल गेमिंग प्लेटफॉर्म विनजो की सह-संस्थापक सौम्या सिंह राठौड़ कहती हैं कि इस तरह के तुरंत प्रतिबंध से कुछ गेमिंग कंपनियों के राजस्व पर गहरा असर पड़ सकता है, खास तौर पर उन फर्मों के मामले में जो देश के दक्षिणी हिस्सों से राजस्व प्राप्त कर रही हैं।

राठौड़ का मानना है कि इस प्रतिबंध ने हालात अस्थिर बना दिए हैं। वह कहती हैं कि संवैधानिक रूप से संरक्षित और केंद्र द्वारा मान्यता प्राप्त कारोबार के लिए इस फैसले को पलटने के लिए कंपनियों को अदालत जाना होगा, जिससे संसाधन भी बाहर जा रहे हैं।

इस प्रतिबंध ने राज्य में परिचालन करने वाली गेमिंग फर्मों के कार्यों में बाधा डाली है। गेमिंग और स्पोर्ट्स मीडिया प्लेटफॉर्म नजारा टेक्नोलॉजिज ऐसी ही फर्म है।

सूचीबद्ध् कंपनी नजारा टेक्नोलॉजिज के मुख्य परिचालन अ​धिकारी सुधीर कामत का कहना है ‘तमिलनाडु उन प्रमुख राज्यों में से एक है, जहां रमी लंबे वक्त से लोकप्रिय रहा है। यह हमारे लिए प्राथमिक बाजारों में से एक है। इस प्रतिबंध का अल्पकालिक प्रभाव होगा। लेकिन हम सचेत रूप से भौगोलिक तौर पर विविधता ला रहे हैं और किसी भी दीर्घकालिक प्रभाव को कम करने में सक्षम रहेंगे’

गेमिंग फर्मों और उद्योग के ​निकायों का दावा है कि यह पूर्ण प्रतिबंध ‘असंवैधानिक’ है और वे इस कदम के ​खिलाफ कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि वह कौशल के गेम और किस्मत के गेम के बीच अंतर नहीं करता है, जैसा कि पहले अदालत के फैसले में परिभाषित किया गया है।

ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के मुख्य कार्या​धिकारी रोलैंड लैंडर्स का कहना है कि भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम स्टार्टअपों की सर्वा​धिक संख्या का प्रतिनिधित्व करने वाले सबसे पुराने और सबसे बड़े उद्योग संगठन के रूप में हम प्रभावी तिथि अधिसूचित होने के बाद इस कानून की संवैधानिकता को चुनौती देंगे और हमें पूरा विश्वास है कि हमारी न्यायिक प्रणाली गेमिंग प्लेटफॉर्म और उनके उपयोगकर्ताओं के मौलिक अ​धिकारों को कायम रखेगी।

इस बीच गेम डेवलपर अनुपालन मसलों से बचने के लिए जियोफेंसिंग व्यवस्था लागू कर रहे हैं। राठौड़ का कहना है कि हम गैर-अनुपालन के किसी भी प्रतिबं​​धित क्षेत्र में काम नहीं करना चाहते हैं। इसलिए हम कौशल के अपने रियल-मनी गेम्स को वापस लेने के लिए जियोफेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल करेंगे।

विनजो कई गेमिंग सेवाएं प्रदान करती है, चाहे वह मुफ्त गेम हो या कौशल के रियल-मनी वाले गेम। जब हम जियोफेंसिंग का इस्तेमाल करेंगे, तो उस विशेष क्षेत्र के उपभोक्ता इन प्रतिबंधित पेशकशों का उपयोग नहीं कर सकेंगे।

जियोफेंसिंग का मतलब ऐसी आभासी भौगोलिक सीमा का निर्माण होता है कि जब कोई मोबाइल डिवाइस किसी विशेष क्षेत्र में प्रवेश करता है या उसे छोड़ता है, तो वह सॉफ्टवेयर को उसकी प्रतिक्रिया सक्रिय करने के लिए सक्षम करता है।

First Published : April 13, 2023 | 7:48 PM IST