सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों की जांच के खिलाफ एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से जुड़े विक्रेताओं द्वारा दायर सभी मामलों को कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया। दोनों पक्षों द्वारा सहमति जताए जाने के बाद न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां पीठ ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को जल्द इस मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा, ‘यदि इस मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं को सुनवाई के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया जाए, तो सही होगा।’ न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि भविष्य में किसी अन्य उच्च न्यायालय में इसी प्रकार की याचिकाएं दायर की जाती हैं, तो वे भी इस आदेश के दायरे में आएंगी। कर्नाटक उच्च न्यायालय के एकल पीठ द्वारा इस मामले की सुनवाई 15 जनवरी को किए जाने की संभावना है।
सीसीआई द्वारा दायर याचिका की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय कर रहा था और कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रणालियों की जांच को चुनौती देने वाली विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर 24 रिट याचिकाओं को शीर्ष न्यायालय में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
सर्वोच्च न्यायालय ने शुरू में सीसीआई के लिए पेश भारत के अटॉर्नी जनरल (एजीआई) आर वेंकटरमानी को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि क्या प्रतिस्पर्धा रोधी निकाय सभी मामलों को कर्नाटक उच्च न्यायालय के एकल पीठ को स्थानांतरित करने पर सहमत है, जहां कुछ मामले पहले से ही लंबित हैं।
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पूछा था कि इस मामले को एक उच्च न्यायालय में पेश करने के बजाय सर्वोच्च न्यायालय में क्यों लाया जाना चाहिए। एजीआई वेंकटरमानी ने कहा कि मौजूदा मुकदमेबाजी के कारण सीसीआई की जांच चार साल से रुकी हुई है।