भारतीय उद्योग जगत में एक और पारिवारिक कलह उभर कर सामने आ गई है।
गुजरात एनआरई कोक के संस्थापक गिरधारी लाल जगतरामका और उनके दामाद रतन लाल तमाखूवाला के बीच विवाद गहरा गया है।
तमाखूवाला ऑस्ट्रल कोक के मालिक हैं। देश की दिग्गज कोयला निर्माता कंपनी गुजरात एनआरई ने ऑस्ट्रल कोक पर तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने और शेयरों के आरंभिक पब्लिक इश्यू (आईपीओ) के लिए कंपनी के नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
ऑस्ट्रल ने जवाबी हमला करते हुए कहा है कि वह गुजरात एनआरई के प्रमोटरों के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय में जल्द ही मानहानि का मामला दर्ज कराएगी। गुजरात एनआरई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को बताया है कि ऑस्ट्रल उत्पादन क्षमता से जुड़े तथ्यों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रही है।
वह कम राख वाले मेटालर्जिकल कोयला की उत्पादन क्षमता 3.75 लाख टन होने का दावा कर रही है जबकि इसकी क्षमता मुश्किल से 70,000 टन की है। गुजरात एनआरआई के मुताबिक ऑस्ट्रल चार चिमनियों के संचालन का दावा कर रही है जबकि वह दो चिमनियों में ही परिचालन करती है। इसकी अन्य दो चिमनियां फिलहाल निर्माण के दौर से गुजर रही हैं।
गुजरात एनआरआई कोक गिरधारी लाल जगतरामका और उनके पुत्र ए. के. जगतरामका के स्वामित्व वाली कंपनी है। ऑस्ट्रल के आईपीओ को पेशकश के पहले ही दिन 1.13 गुना अभिदान मिला है। ऑस्ट्रल कोक के प्रबंध निदेशक ऋषि अग्रवाल ने बताया, ‘जगतरामका से इसी तरह के व्यवहार की उम्मीद थी। इस तरह का आरोप लगाया जाना कोई नई बात नहीं है।
गुजरात एनआरई ऐसी अफवाहें फैलाने के लिए जानी जाती है। जब हमने एक अन्य समूह की कंपनी ग्रेमैक का आईपीओ जारी किया था, उस वक्त भी उसने हमारे खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था, लेकिन उसे तब इसमें हार का सामना करना पड़ा था।’ गुजरात एनआरई ने यह भी आरोप लगाया है कि ऑस्ट्रल गुजरात एनआरई के असली प्रमोटर होने का झूठा दावा कर रही है।
वह यह भूल रही है कि धोखाधड़ी के कारण 1997 में उसे निकाल दिया गया था। ए के जगतरामका ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमारा दावा है कि ऑस्ट्रल कोक की ओर से किए गए खुलासे झूठे हैं। यह अपने आईपीओ को प्रमोट करने के लिए हमारी कंपनी के नाम का भी इस्तेमाल कर रही है।’
जगतरामका ने यह भी आरोप लगाया है कि तमाखूवाला गुजरात एनआरई के प्रमोटर कभी नहीं रहे हैं जैसा कि विवरण में उल्लेख किया गया है। इस आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए अग्रवाल ने कहा, ‘कोई भी गुजरात एनआरआई के ब्योरे की जांच कर आसानी से यह कह सकता है कि आईपीओ की पेशकश के समय तमाखूवाला असली प्रमोटर थे और जगतरामका बोर्ड में शामिल नहीं थे।’
यह पहला मौका नहीं है जब गुजरात एनआरई के संस्थापक सदस्य जो दो नजदीकी संबंधी भी हैं, विवाद के घेरे में आए हैं। दिसंबर 1997 में तमाखूवाला को वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में कंपनी बोर्ड से निकाल दिया गया था। तब तमाखूवाला गुजरात एनआरई के प्रबंध निदेशक थे।
परिवार से अदालत परिसर में
गुजरात एनआरई का आरोप
ऑस्ट्रल कम राख वाले मेटालर्जिकल कोयला की उत्पादन क्षमता 3.75 लाख टन होने का दावा कर रही है जबकि इसकी क्षमता मुश्किल से 70,000 टन की है
ऑस्ट्रल की प्रतिक्रिया
जब हमने एक अन्य समूह की कंपनी ग्रेमैक का आईपीओ जारी किया था, उस वक्त भी गुजरात एनआई कोक ने हमारे खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था