प्रतीकात्मक तस्वीर
सरकार ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से कहा है कि वे डार्क पैटर्न पर सालाना आंतरिक ऑडिट करें और अपनी रिपोर्ट उपभोक्ता मामलों के विभाग के पास जमा करें। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने बुधवार को 50 से अधिक ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के साथ मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। डार्क पैटर्न वे भ्रामक यूजर इंटरफेज हैं जो उपभोक्ताओं को अनचाहे निर्णय लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इनमें उपयोगकर्ता से वह करवाया जाता है जो करने का इरादा वह नहीं रखता।
बैठक के उपरांत जोशी ने कहा कि मंत्रालय डार्क पैटर्न के इस्तेमाल पर नजर रखने के लिए अंशधारकों के साथ एक संयुक्त कार्य समूह का भी गठन करेगा। उन्होंने कहा, ‘प्लेटफॉर्म जानबूझकर इनका इस्तेमाल करते हैं और इनका इस्तेमाल किसी छोटे पैमाने पर नहीं हो रहा है। हमने प्लेटफॉर्म से जारी दिशा निर्देशों का पूरा पालन करने को कहा है और यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर कोई भी तीसरे पक्ष का व्यापारी इन पैटर्न का इस्तेमाल न करे जिससे उपभोक्ता फंसा हुआ महसूस करे।’
इससे पहले कई ई-कॉमर्स कंपनियों के अंशधारकों के साथ बैठक में उन्हें डार्क पैटर्न के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया गया। ये पैटर्न ग्राहकों को भ्रमित करके उनकी स्वायत्त निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।
यह मंत्रालय की ऐसे पैटर्न के इस्तेमाल के विरुद्ध कदम उठाने के सिलसिले का एक हिस्सा है। सरकार ने 2023 में डार्क पैटर्न के नियमन और रोकथाम को लेकर दिशा निर्देश अधिसूचित किए थे।
इन दिशानिर्देशों के जारी होने के बाद से केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकार ने औषधि, टिकटिंग प्लेटफार्म आदि क्षेत्रों में काम करने वाली 11 कंपनियों को ऐसे पैटर्न के इस्तेमाल को लेकर अधिसूचना भेजी। इनमें से चार अधिसूचनाएं उबर, ओला और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों को ‘अग्रिम टिप’ जैसे फीचर को लेकर जारी की गईं। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने ई-कॉमर्स वेबसाइटों और मोबाइल ऐप्स के 13 सबसे आम इस्तेमाल वोल डार्क पैटर्न को चिह्नित किया है इनमें छद्म जल्दबाजी, बास्केट स्नीकिंग, सब्सक्रिप्शन का जाल आदि शामिल हैं।
इन्हें उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन करने वाले अनुचित कारोबारी व्यवहार ठहराते हुए सरकार ने एक पारदर्शी और स्वच्छ डिजिटल बाजार तैयार करने की बात कही जहां उपभोक्ता बिना भ्रमित किए सही और सूचित निर्णय ले सकें। गत वर्ष सरकार ने डार्क पैटर्न के इस्तेमाल को रोकने के दिशानिर्देश अधिसूचित किए थे जिनमें बास्केट स्नीकिंग शामिल था। बास्केट स्नीकिंग के तहत वेबसाइट या ऐप भुगतान के समय बास्केट में ऐसे उत्पाद या सेवाएं शामिल कर देते हैं जिन्हें खरीदने का इरादा ग्राहक का नहीं होता।