केंद्र सरकार ने देश भर में 300 हवाई पट्टियों का अध्ययन शुरू कर दिया है। वह हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए उन्हें मौजूदा हवाई अड्डों की क्षमता वृद्धि के रूप में विकसित करना चाहती है। विमानन सचिव वुमलुनमंग वुलनाम ने आज यहां बताया कि इस समय भारत में कुल 453 हवाई पट्टियां हैं और उनमें से 157 को हवाई अड्डों के रूप में चालू किया जा चुका है।
किराये पर विमान देने वाली कंपनियों को बड़ी राहत के रूप में उन्होंने कहा कि सरकार ‘केप टाउन कन्वेंशन’ (सीटीसी) कानून की मंजूरी देने के ‘अंतिम चरण’ में है। कापा इंडिया एविएशन समिट 2024 में अपने भाषण में उन्होंने कहा ‘हम इस पर काम कर रहे हैं। नई सरकार इसे आगे बढ़ाएगी।’
किराये पर विमान देने वाली कंपनियां केंद्र सरकार से केप टाउन संधि को मंजूरी देने का आग्रह करती रही हैं। यह ऐसी अंतरराष्ट्रीय संधि है जो इन कंपनियों को विमान वापस लेने के मामले में समयबद्ध समाधान प्रदान करती है, जिससे उनके जोखिम कम हो जाते हैं। पिछले साल मई में गो फर्स्ट के दिवालिया होने के बाद कई महीनों तक कंपनी से अपने विमान वापस लेने में असमर्थ रहने के बाद यह मांग और बढ़ गई।
वुलनम ने कहा कि भारत बड़ा देश है और देश के विभिन्न हिस्सों से कनेक्टिविटी महत्वपूर्ण है। सरकार अपनी ओर से मध्य और छोटे शहरों से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले हमने देश की सभी हवाई पट्टियों का जायजा लिया और यह संभावना देखी कि उनमें से किसके विकास की जरूरत है, उनको कैसे विकसित किया जाए, किसके 100 किलोमीटर के दायरे के भीतर आबादी और औद्योगिक क्षेत्र हैं। इस समय 157 हवाई पट्टियां त्तियांपहले से ही काम कर रही हैं। बाकी को हम विकसित करने की संभावना देख रहे हैं।
विमान सचिव के अनुसार पिछले 10 साल में भारत में हवाई अड्डों की संख्या 157 हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार देश भर के रक्षा हवाई क्षेत्र से नागरिक विमानन परिचालन शुरू करने की संभावना भी टटोल रही है।