आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल ने खर्चों में कटौती की बात कहते हुए अपने हार्डवेयर, वॉयस असिस्टेंस और इंजीनियरिंग विभाग से सैकड़ों कर्मचारियों को निकाल दिया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह कदम भविष्य की रणनीतियों को देखते हुए उठाया गया है।
आने वाले समय में महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ उठाना और जिम्मेदारी से निवेश करना कंपनी की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में शामिल है। बयान में यह भी कहा गया है, ‘कुछ टीमें इस प्रकार के संगठनात्मक बदलाव कर रही हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर कुछ पेशेवरों की नौकरियां जाएंगी।’
गूगल ने इससे पहले कहा था कि वह कुछ सौ नौकरियां खत्म करने जा रही है, जिसका असर उसकी शानदार हार्डवेयर टीम पर देखने को मिलेगा। यह कदम गूगल और इसकी मूल कंपनी अल्फाबेट के वरिष्ठ अधिकारियों के लागत घटाने की प्रतिबद्धता जताने के बाद उठाया गया है।
लगभग एक साल पहले गूगल ने कहा था कि वह 12 हजार कर्मचारियों अथवा कुल श्रम शक्ति का 6 फीसदी की छंटनी करेगी। एक्स पर एक पोस्ट में अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन ने छंटनी को गैर जरूरी बताते हुए गूगल के इस कदम की कड़ी निंदा की है।
यूनियन ने लिखा, ‘हमारे कर्मचारी हर दिन अपने उपभोक्ताओं के लिए एक से बढ़कर एक बेहतरीन उत्पाद तैयार करते हैं। कंपनी प्रत्येक तिमाही में अरबों डॉलर की कमाई कर रही है।
ऐसे में वह कर्मचारियों की छंटनी जैसा कदम नहीं उठा सकती। लोगों की नौकरियां सुरक्षित होने तक हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।’ छंटनी करने वाली गूगल अकेली आईटी कंपनी नहीं है।
बीते साल सोशल साइट फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने अपने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए एक झटके में 20 हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था।
इस कदम के बाद 2023 में मेटा का शेयर मूल्य 178 प्रतिशत चढ़ गया था। इसी प्राकर स्पोटीफाई ने दिसंबर में कहा था कि लागत कम करने और लाभ की स्थिति सुधारने के लिए वैश्विक स्तर पर कंपनी से 17 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी कर रही है।
इससे पहले इसी हफ्ते के शुरू में अमेजन ने अपनी प्राइम वीडियो और स्टूडियो यूनिट से सैकड़ों कर्मचारियों को निकाल दिया था। कंपनी अपने लाइव स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ट्विच से भी लगभग 500 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगी। अमेजन ने महामारी के दौरान ताबड़तोड़ भर्तियां की थीं, लेकिन बाद में हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया।